Ekadashi September 2024: एकादशी श्राद्ध आज, पितरों को खुश करने के लिए जरूर करें ये उपाय

एकादशी श्राद्ध को इंदिरा एकादशी, ग्यारस श्राद्ध के नाम से जाना जाता है।

Update: 2024-09-27 03:33 GMT

आज आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। इस दिन को पितृ पक्ष की एकादशी के रूप में मनाया जाता है। एकादशी श्राद्ध को इंदिरा एकादशी, ग्यारस श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस रात यह दिन श्राद्ध पक्ष का सबसे पवित्र दिन है। इस श्राद्ध को करने से दिवंगत लोगों की आत्मा को शांति मिलती है। वहीं, इस दिन इंदिरा एकादशी का व्रत भी रखा जाता है। 

कब है एकादशी श्राद्ध?

पितृ पक्ष की एकादशी तिथि 27 सितंबर यानी दोपहर 01 बजकर 20 मिनट से 28 सितंबर दोपहर 2:49 पर समाप्त होगी। यही कारण है कि इंदिरा एकादशी का व्रत 28 सितंबर 2024 शनिवार को रखा जाएगा जबकि एकादशी श्राद्ध आज ही जानी चाहिए। 

एकादशी के दिन जरूर करें ये उपाय 

मान्यता है कि पीपल के पेड़ में भगवान का वास होता है, इसके नीचे त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन दिनों विराजमान रहते हैं। ऐसे में इंदिरा एकादशी की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और 11 बार शुद्ध मन से परिक्रमा करें। इसी के साथ आप वृक्ष के नीचे बैठकर विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का भी पाठ कर सकते हैं। ऐसा करने से पितरों की दया दृष्टि आपके और परिवार के ऊपर बनी रहती है।

एकादशी श्राद्ध की विधि 

इस दिन सुबह स्नान करके घर में साफ सफाई कर लें, ब्राह्मण को आमंत्रित कर लें। पितृ तर्पण करके ब्राह्मणों को भोजन करने के बाद उन्हें दान के रूप में वस्त्र आदि दान दें। इस दिन गाय, कौवे, चिटियों और कुत्ते आदि को भोजन कराएं, इससे पितर खुश होते हैं।

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