कश्मीर में आतंक फैलाने वाला यासीन मलिक दोषी करार, 25 मई को सुनाई जाएगी सजा

Update: 2022-05-19 09:09 GMT

नईदिल्ली। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने यासीन मलिक को हत्या और टेरर फंडिंग के मामले में दोषी करार दिया है। स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने एनआईए को यासीन मलिक की संपत्ति का पूरा विवरण कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया है। एनआईए को 25 मई तक यासीन मलिक की संपत्ति का विवरण जमा करने का समय दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 25 मई को होगी। कोर्ट 25 मई को सजा की अवधि पर फैसला सुना सकती है। 

यासीन मलिक ने 10 मई को अपना गुनाह कबूल कर लिया था। कोर्ट ने 16 मार्च को हाफिज सईद , सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताफ अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया। 1993 में अलगवावादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई। 

एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया। इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था।

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