मप्र के 33 रेलवे स्टेशनों का होगा पुनर्विकास, प्रधानमंत्री मोदी ने किया शिलान्यास
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के अंतर्गत देशभर के 554 रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों की शुरुआत की। इनमें मध्यप्रदेश के 33 रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से वर्चुअली जुड़े और भारतीय रेलवे के 41 हजार करोड़ रुपये की इन रेल परियोजनाओं का रिमोट के जरिए लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 554 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास एवं 1500 रोड़ ओवर ब्रिजों, अंडरपास का लोकार्पण-शिलान्यास शामिल है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत ने छोटे-छोटे सपने देखना छोड़ दिया है। हम बड़े सपने देखते हैं और पूरे करने के लिए दिनरात एक कर देते हैं। यही संकल्प इस विकसित भारत, विकसित रेलवे कार्यक्रम में दिख रहा है। दशकों तक रेलवे को स्वार्थ भरी राजनीति का शिकार होना पड़ा, लेकिन अब भारतीय रेलवे देशवासियों की यात्रा में आसानी कर रही है। आज रेलवे इज ऑफ ट्रैवलिंग का हिस्सा बन गई है। जिस रेलवे के हमेशा घाटे में रहने का रोना रोया जाता था, आज वह परिवर्तन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है।
परियोजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण
उन्होंने कहा कि देश में तेजी से काम हो रहा है। आज एक साथ रेलवे से जुड़ी दो हजार से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण हुआ है। अभी तो इस सरकार के तीसरे टर्म की शुरुआत जून से शुरू होने वाली है। अभी से जिस स्पीड से काम हो रहा है, वह सबको हैरत में डालने वाला है। उन्होंने कहा कि आपका सपना, आपकी मेहनत और मोदी का संकल्प विकसित भारत की गारंटी है। वंदे भारत जैसी सेमी हाईस्पीड ट्रेन के बारे में किसी सरकार ने नहीं सोचा। इसकी कल्पना एक दशक तक पहले मुश्किल थी। एक दशक पहले तक ट्रेन में स्वच्छता स्टेशन पर सफाई बड़ी बात मानी जाती थी। आज ये सब रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं।
एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं -
प्रधानमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट जैसी आधुनिक सेवाएं सिर्फ पैसे वालों खाते में है। आज रेलवे स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सुविधा गरीब लाभ ले सकता है। रेलवे लाइन बिछाने की गति दोगुनी हो गई। आज ऐसी जगहों पर रेल पहुंच रही है। जिसकी लोगों ने कल्पना भी नहीं की। जैसे बैंक में जमा पैसे पर ब्याज मिलता है, वैसे इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगी पाई से रोजगार के साधन बनते हैं। हमारी रेल छोटे किसानों को बढ़ावा देने वाली है। इसके लिए स्टेशनों पर विशेष दुकानें बनाई गई हैं। रेल की गति बढ़ेगी और उत्पादन तेजी से मार्केट पहुंचेंगे और उद्योगों की लागत कम होगी। आज पूरी दुनिया में भारत को निवेश के लिए सबसे आकर्षक माना जा रहा है। इसका कारण आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर है।
रेलवे के लिए अभूतपूर्व कार्यक्रमः रेल मंत्री
कार्यक्रम में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वागत उद्बोधन में इसे रेलवे के लिए सबसे बड़ा कार्यक्रम बताया। उन्होंने कहा कि यह अभूतपूर्व कार्यक्रम है। देश के दो हजार 21 स्थानों पर यह कार्यक्रम हो रहा है। वंदे भारत ट्रेन आज विश्व स्तर की रेल यात्रा का आनंद दे रही है। वैष्णव ने इस अवसर पर अमृत भारत स्टेशन योजना का भी उल्लेख किया। इस मौके पर रेलवे पर आधारित एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।
डबल इंजन सरकार करेगी विकासः मुख्यमंत्री
सीहोर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने संबोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर वंदे भारत एक्सप्रेस और मेट्रो ट्रेन का उल्लेख किया। उन्होंने नई सौगातों का भी उल्लेख किया। उन्होंने आशा जताई कि डबल इंजन की सरकार देश और प्रदेश का बेहतर विकास करेगी।
मप्र के 33 रेलवे स्टेशनों का चयन
उल्लेखनीय है कि देश के 544 रेलवे स्टेशन पुनर्विकास के लिए चुने गए हैं। इसमें मध्य प्रदेश के 33 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास भी शामिल किया गया है। मध्य प्रदेश में रेल अधोसंरचना के विकास के अंतर्गत वर्तमान वर्ष में 15 हजार 143 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। प्रदेश में 77 हजार 800 करोड़ से अधिक की 32 परियोजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं। मध्य प्रदेश के जिन 33 रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास के लिए शिलान्यास हुआ है, उनमें जबलपुर और भोपाल रेल मंडल के पांच-पांच स्टेशन शामिल हैं।
पुनर्विकास के लिए चयनित स्टेशनों में सीहोर, जबलपुर, बीना, अशोकनगर, खिरकिया, सांची, शाजापुर, ब्यौहारी, बरगवां, नरसिंहपुर, पिपरिया, इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, मक्सी, नागदा, नीमच, शुजालपुर, खाचरोद, बालाघाट, छिंदवाड़ा, खंडवा, मंडला फोर्ट, नैनपुर, सिवनी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, बिजुरी, मुरैना, हरपालपुर, दतिया और भिंड स्टेशन शामिल हैं। आरओबी में जबलपुर रेल मंडल के दो और भोपाल रेल मंडल के चार आरओबी शामिल हैं। अंडरपास के अंतर्गत जबलपुर में एक एवं भोपाल मंडल में दो स्थानों पर कार्य होंगे।