इंडी गठबंधन दलों ने फिर किया सनातन का अपमान: ममता बनर्जी ने कुंभ को मृत्यु कुंभ तो मुकेश नायक ने आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को 'उचक्का' कहा…
भोपाल। इंडी गठबंधन के नेताओं ने सनातन धर्म की परंपराओं को लेकर एक बार फिर अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जहां एक ओर महाकुंभ को मृत्यु कुंभ कहा, वहीं दूसरी ओर भोपाल में कांग्रेस पार्टी में मीडिया विभाग के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को 'उचक्का' तक कह दिया है। इससे पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी कुंभ को फालतू कह चुके हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा था कि महाकुंभ में गंगा स्नान करने से गरीबी दूर नहीं होगी। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव भी महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर लगातार आलोचना कर रहे हैं।
ममता बनर्जी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि प्रयाग महाकुंभ अब 'मृत्यु कुंभ' हो गया है।
ममता के बयान का देशभर में विरोध शुरू हो गया है। विधानसभा में विपक्ष के नेताओं ने ममता के खिलाफ नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन भी किया। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मैं हिंदू समुदाय, संत समुदाय से कड़ा विरोध दर्ज कराने की अपील करता हूं।
वहीं केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि महाकुंभ एक पवित्र, धार्मिक अवसर है। अगर आप हिंदू धर्म या महाकुंभ में विश्वास नहीं करते हैं, तो इसे रहने दें।
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि समिति ममता बनर्जी के बयान की निंदा करती है। जिस तरह से पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, ओडिशा और पूर्वी भारत के हिंदू 'अमृत स्नान, के लिए प्रयाग आ रहे हैं, उससे ममता का बेचैन होना स्वाभाविक है। मुझे लगता है कि पश्चिम बंगाल का आगामी विधानसभा चुनाव ममता के राजनीतिक करियर के लिए 'मृत्यु कुंभ' साबित होगा।
कांग्रेस नेता नायक ने कहा-आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान नहीं
मध्य प्रदेश में मीडिया विभाग के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को 'उचक्का' कहते हुए आरोप लगाया कि वे भागवत और रामायण का मजाक उड़ाते हैं। शास्त्री कथा करने के बजाय गाने गाते रहते हैं। उन्हें रामचरित मानस, भागवत पुराण, श्रीमद् भगवद्गीता और वैदिक ग्रंथों का ज्ञान नहीं है। - सुमित राठौर, स्वदेश भोपाल