जीआईएस से पहले 7 नई नीतियों को मंत्रि-परिषद से मिली मंजूरी: राजधानी सहित पांच महानगर बनेंगे मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी

Update: 2025-02-18 15:40 GMT

भोपाल, विशेष संवाददाता। राजधानी भोपाल में आगामी 24-25 फरवरी को आयोजित होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले मंत्रि-परिषद ने मप्र में उद्योग एवं रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से एमएसएमई और स्टार्टप्स से संबंधित सात नई नीतियों को मंजूरी दी है। बैठक में भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर को मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी बनाने का भी निर्णय लिया है।

उल्लेखनीय है कि मंत्रि-परिषद की पिछली बैठक में भी 10 नीतियों को मंजूरी दी गई थी। नई जिन सात नीतियों को मंजूरी दी गई है, उसमें इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी, एमएसएमई, इलेक्ट्रिक व्हीकल, स्टार्टअप, विमानन, नवीकरणीय ऊर्जा और अविकसित भूमि आवंटन नीतियां शामिल हैं। मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी के रूप में पांच शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन को विकसित किया जाएगा। स्टार्ट अप के लिए मेगा इन्क्यूबेशन सेंटर खोले जाने एवं एमएसएमई योजना में 40 प्रतिशत छूट और अनुदान दिए जाने का भी निर्णय लिया गया।

सरकार की नई नीतियां संक्षिप्त में

विमानन नीति: इस नीति के अंतर्गत मप्र में 150 किमी पर एक विमानतल और प्रत्येक 45 किमी की दूरी पर एक हवाई पट्टी विकसित किए जाने का निर्णय लिया है। राजधानी स्थित होटल अशोका लेक व्यू को पीपीपी मोड पर दिए जाने का भी निर्णय लिया है।

इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति 2025: इस नीति से अब कोई व्यक्ति, समूह या किसान भी मिलकर कॉलोनी या टाउनशिप विकसित करेगी। सरकार इसके लिए सहयोग करेगी।

एमपी इलेक्ट्रिक वाहन नीति : इस नीति में चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए सब्सिडी मिलेगी। दो साल में सरकार के 80 प्रतिशत वाहन ईव्ही में परिवर्तित किए जाएंगे। भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर और इंदौर को मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। दो पहिया एवं चार पहिया सहित सभी वाहनों के पंजीयन एवं खरीद पर छूट व सब्सिडी मिलेगी।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग नीति: इस नीति के तहत सरकार एमएसएमई उद्योगों और स्टार्टप्स को कई तरह की सुविधाएं, सब्सिडी एवं छूट देगी। राज्य के ऐसे विकासखंड, जहां उद्योग स्थापित नहीं हो रहे। उद्देश्य है कि उन सभी विकासखंडों में उद्योग, इसमें भी 10 करोड़ से अधिक का निवेश करेगा, उसे 1.3 गुना अनुदान दिया जाएगा।

अविकसित भूमि आवंटन नीति: एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए अविकसित भूमि आवंटन नीति भी मंजूर की गई है। पात्र, मध्यम और विशेष परिस्थिति में यह आवंटन किया जाएगा। औद्योगिक क्षेत्र का संधारण उद्योग संगठन करना चाहेंगे तो सरकार उन्हें इसे देगी और आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता सरकार देगी।

नवीकरणीय ऊर्जा नीति: प्रदेश के बाहर बिजली बेचने पर 10 प्रतिशत हरित ऊर्जा टैक्स लगता था। इस ऊर्जा टैक्स को खत्म करने का फैसला किया गया है। विद्युत परियोजनाओं और नवकरणीय ऊर्जा को बायो फ्यूल से जोडऩे पर भी विचार किया जा रहा है। बायो फ्यूल यूनिट के लिए पांच करोड़ तक की सहायता दी जाएगी। 500 करोड़ से अधिक के निवेश पर अनुकूल पैकेज देंगे।

स्टार्टप नीति: इस नीति के तहत सरकार स्टार्ट अप के लिए मेगा इन्क्यूबेशन सेंटर खोलेगी। अभी 5 हजार स्टार्ट अप हैं। इसे बढ़ाकर दस हजार तक ले जाने का लक्ष्य लिया है। इसके लिए इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। प्राप्त निवेश पर ऋण सहायता दी जाएगी। विभिन्न मदों में सहायता दी जाएगी। साथ ही स्टार्ट अप सलाहकार परिषद की स्थापना की जाएगी।

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