कमलनाथ के बयान के खिलाफ एकजुट हुई भाजपा, सीएम सहित सभी नेताओं ने रखा मौन व्रत
भोपाल। प्रदेश में उपचुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है। कल डबरा में पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी के लिए कि गई अभद्र टिप्पणी को लेकर भाजपा ने कांग्रेस और कमलनाथ के खिलाफ आज मोर्चा खोल दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य भाजपा नेताओं ने कमलनाथ के बयान के विरोध में आज को मौन व्रत रख विरोध प्रकट किया।
सीएम शिवराज सिंह आज सुबह राजधानी स्थित मिंटो हाल पहुंचे। वहां स्थित गांधी प्रतिमा के सामने दो घंटे मौन व्रत पर बैठे। उनके साथ गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा, चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग सहित अन्य नेता,मंत्री भी शामिल हुए। इससे पहले सीएम कहा - यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:।' जहां नारी की पूजा होती है, वहीं देवताओं का वास होता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कल एक महिला के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, उससे मैं आहत हूँ, शर्मिंदा हूँ। आज बापू के चरणों में उनके लिए प्रायश्चित करने के लिए बैठा हूँ।
मैं कमलनाथ के लिए प्रायश्चित पर कर रहा हूँ -
उन्होंने कहा कि हम महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानते हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता उनके विचारों और उनकी सीख की धज्जियाँ उड़ाते हैं। कांग्रेस के नेताओं ने हमेशा अपने बयानों के माध्यम से अपनी महिला विरोधी सोच का परिचय दिया है। कमलनाथ जी के कारण पूरे देश में आज मध्यप्रदेश की बदनामी हुई है! कमलनाथ जी भले ही बहुत बड़े सेठ और उद्योगपति होंगे लेकिन क्या इससे उन्हें महिलाओं को अपमानित करने की अनुमति मिल गई है? मैं कांग्रेस की महिला नेताओं से भी पूछना चाहता हूँ, क्या वे अपने नेता कमलनाथ जी के शब्दों का पूर्णत: समर्थन करती हैं?
प्रदेश अध्यक्ष ने ग्वालियर व सिंधिया ने इंदौर में रखा मौन व्रत -
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के साथ वरिष्ठ नेता प्रभात झा, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, सांसद रीति पाठक और प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ग्वालियर में और वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री तुलसीराम सिलावट समेत अन्य नेताओं ने इंदौर में मौन व्रत रखा।