भोपाल: प्राइवेट स्कूल ने की नियमों की अनदेखी तो होगी FIR, कलेक्टर ने आदेश किए जारी

Update: 2025-01-02 14:37 GMT

MP News: भोपाल जिला प्रशासन ने नया शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले सख्त कदम उठाए हैं। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन, यूनिफॉर्म और किताबों को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी स्कूल या कॉलेज ने अभिभावकों पर यूनिफॉर्म या किताबें खरीदने के लिए दबाव डाला, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। स्कूल संचालकों की मनमानी रोकने के लिए प्रशासन ने धारा-144 लागू करते हुए सख्त पाबंदियां लगाई हैं।

कलेक्टर सिंह ने प्राइवेट स्कूलों, कॉलेजों के संचालकों, पुस्तक प्रकाशकों और विक्रेताओं के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए नए आदेश जारी किए हैं। इसके तहत अब स्कूल और कॉलेज संचालक विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को केवल निर्धारित दुकानों से यूनिफॉर्म, जूते, टाई, किताबें, और कॉपियां खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा, उन्हें किताबों का पूरा सेट खरीदने के लिए भी बाध्य नहीं किया जा सकेगा।

इसके अलावा, कलेक्टर सिंह ने बताया कि आगामी परीक्षाएं फरवरी और मार्च में आयोजित की जाएंगी, और स्कूल अप्रैल से फिर से खुलेंगे। इस दौरान अक्सर पेरेंट्स पर यूनिफॉर्म, किताबों और अन्य शिक्षण सामग्री खरीदने का दबाव डाला जाता है। पिछले साल भी कलेक्टर ने नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत से पहले इसी तरह का आदेश जारी किया था।

कलेक्टर ने निजी स्कूलों के लिए नई दिशा-निर्देशों का जारी किया आदेश


कलेक्टर श्री सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि दबाव बनाए जाने के कारण स्कूलों में बच्चों के माता-पिता के बीच नाराजगी और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस कारण से दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है।

यह आदेश एमपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई के सभी निजी स्कूलों के लिए लागू है। आदेश के तहत, स्कूल संचालकों को आगामी शैक्षिक सत्र शुरू होने से पहले, कक्षा वार पुस्तकों की सूची, जिसमें लेखक और मूल्य शामिल हों, स्कूल के सूचना पटल पर प्रदर्शित करनी होगी। यह सूची छात्रों के अनुरोध पर उपलब्ध कराई जाएगी।

इसके अलावा, सभी स्कूल प्रबंधकों और प्राचार्यों को 15 जनवरी तक अपने स्कूल की वेबसाइट पर कक्षा वार पाठ्यपुस्तकों और उनके प्रकाशकों की जानकारी अपलोड करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही, इसका हार्ड कॉपी जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) के कार्यालय में जमा करना होगा।

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी प्रकार की शिक्षण सामग्री पर स्कूल का नाम अंकित नहीं किया जा सकता। स्कूलों को किताबें, यूनिफॉर्म या अन्य आवश्यक सामग्री किसी भी स्थान से खरीदने की अनुमति है, और वे इनका विक्रय करने का प्रयास नहीं करेंगे। यदि स्कूलों द्वारा यूनिफॉर्म में कोई बदलाव किया जाता है, तो वह बदलाव अगले तीन शैक्षिक सत्रों तक लागू रहेगा।

निजी स्कूलों को परिवहन सुविधाओं के संबंध में परिवहन विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।

इसके अलावा, प्रत्येक स्कूल को अपनी प्रवेश प्रक्रिया और प्रवेश तिथियों की जानकारी को प्रचारित करना अनिवार्य होगा।

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