बुंदेलखंड लोकगायक देशराज का निधन, मुख़्यमंयत्री ने शोक व्यक्त किया

Update: 2020-09-05 07:51 GMT

भोपाल। बुंदेलखंड के लोकगायक देशराज पटेरिया का आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने आल्हा उदल और हरदौल की कथा सहित बुंदेली लोकगीतों को जन-जन तक पहुंचाया। देशराज पटेरिया के निधन की सूचना सामने आने के बाद उनके चाहने वालों ने शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

उन्होंने शनिवार को ट्वीट कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की -'अपनी अनूठी गायकी से बुंदेली लोकगीतों में नये प्राण फूंक देने वाले श्री देशराज पटेरिया जी के रूप में आज संगीत जगत ने अपना एक सितारा खो दिया। वो किसान की लली... मगरे पर बोल रहा था...जैसे आपके सैकड़ों गीत संगीत की अमूल्य निधि हैं। आप हम सबकी स्मृतियों में सदैव बने रहेंगे।'



वहीं, प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने ट्वीट किया है कि -'मध्यप्रदेश के गौरव और देश-विदेश में अपने लोकगीतों के जरिए अलग पहचान रखने वाले बुंदेलखंड के लोकप्रिय लोकगायक श्री देशराज पटेरिया जी के असमय निधन से मन बेहद आहत है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति दें।'



बता दें की देशराज पटेरिया का जन्म छतरपुर जिले के नौगांव कस्बे के पास तिटानी गांव में हुआ था। वह 67 साल के थे। बीते बुधवार को उन्हें दिल का दौरा पडऩे के बाद छतरपुर के मिशन अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनका उपचार चल रहा था। शनिवार को तडक़े 3.15 बजे उन्हें पुन: दिला का दौरा पड़ा और उनकी हृदय गति रुक गई।










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