मुख्यमंत्री ने बांटे किसान क्रेडिट कार्ड, सम्मान निधि के रूप में मिलेंगे दस हजार
कृषि संबंधी तीनों विधेयक किसानों के हितकारी
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज 63 हजार किसानों को क्रेडिट कार्ड का वितरण किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा करते हुए कहा की किसानों को हर साल सम्मान निधि के रूप में दस हजार रुपये मिलेंगे। उन्होंने बताया की वर्तमान में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को तीन किस्तों में सालाना छह हजार रुपये मिलते हैं। अब राज्य सरकार इसमें चार हजार रुपये मिलाएगी। इसके साथ ही सहकारी बैंकों को कर्ज माफी की बकाया राशि भी दी जाएगी। कार्यक्रम में जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को 800 करोड़ रुपये का अनुदान भी दिया गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आगे कहा की हमारी सरकार ने पशुपालकों और मत्स्य पालकों को हमने शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने की योजना प्रारम्भ की थी। जिसे 2018 चुनाव के बाद कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद बंद कर दिया था। हमने इसे दोबारा शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा की मैं आपके किसी काम को रुकने नहीं दूंगा। किसानों को बिना ब्याज के कर्ज देने का काम जारी रहेगा। इसमें पशुपालक और मत्स्य पालकों को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण खजाने की स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
मैं रोने वाला मुख्यमंत्री नहीं
उन्होंने कहा कि मैं रोने वाला मुख्यमंत्री नहीं हूं कि पैसा नहीं है। पिछली सरकार ने फसल बीमा के 22 सौ करोड़ रुपये का अंशदान जमा नहीं किया था, जिसकी वजह से किसानों को बीमा राशि नहीं मिल पा रही थी। सरकार में आते ही बीमा कंपनियों को राज्यांश दिया और किसानों को 31 सौ करोड़ रुपये का फसल बीमा दिलाया। इसके बाद 4600 करोड़ रुपये से ज्यादा का फसल बीमा हाल ही में 22 लाख से ज्यादा किसानों को दिया गया है।
कृषि विधेयक किसान की आय को दोगुना करेंगे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित किये गए कृषि विधेयकों को लेकर कहा कि कुछ लोग इन विधेयकों को लेकर लोगों में भ्रम फ़ैलाने का प्रयास कर रहे है। उन्हीने कहा की मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूँ की ये विधेयक किसान की आय को दोगुना करने के लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक सिद्ध होंगे। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा की मंडियां बंद नही होगी, ये ये पूर्ववत चलती रहेंगी। किसान अपनी उपज चाहे खेत से बेचे, प्राइवेट मंडियों में बेचे, वेयरहाउस से ही बेच दे। किसान को जहां अधिक कीमत मिलेगी, बेचने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा की मंडियों में समर्थन मूल्य पर खरीदी जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में पारित तीन कृषि विधयकों जो तीनों विधेयक बने हैं, उसके बारे में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। ये विधेयक मंडिया बंद नहीं होंगी, समर्थन मूल्य पर उपज की खरीदी जारी रहेगी।। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में लहसुन, धनिया आदि का उत्पादन बहुत अधिक होता है। प्रसंस्करण इकाइयां लगाकर प्रदेश में ही मसाले तैयार किये जायेंगे, ताकि किसान को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।