मुख्यमंत्री ने पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को दिया 50 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण
158.56 करोड़ के विकास कार्यों का किया लोकार्पण एवं शिलान्यास
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और भारतीय जनता पार्टी का लक्ष्य, समाज के हर वर्ग का कल्याण है। प्रधानमंत्री जी ने पीएम स्वनिधि योजना बनाकर छोटे-मोटे काम करने वाले हमारे भाई-बहनों को आत्मनिर्भर बनाया है। मुख्यमंत्री चौहान रविवार को बालाघाट में आयोजित प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत लाभ वितरण एवं संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम में 50 हजार हितग्राहियों को 50 करोड़ रुपये की ब्याज मुक्त ऋण की राशि ट्रांसफर किया। इसके साथ ही 158.56 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया गया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना की विशेषता यह है कि दस हजार रुपये पाने वाले पथ विक्रेताओं ने इसे वापस कर दिया तो अगली बार उन्हें बिना ब्याज के फिर 20 हजार रुपये दिये जायेंगे। 20 हजार रुपये को भी वापस करने पर उन्हें 50 हजार रुपये दिये जाते हैं। हमारी बहनें बहुत रचनात्मक हैं। स्वसहायता समूह की बहनों ने अपनी रचनात्मकता से रोजगार के नये रास्ते खोले हैं। ये स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ प्रदेश एवं देश को भी आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही हैं।
चिंता करने के लिए मामा है -
उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान के साथ ही पढ़ाई, स्वास्थ्य सुविधाओं और रोज़गार का इंतज़ाम भी ज़रूरी है। इसके साथ ही सबको सस्ता राशन भी मुहैया कराया जा रहा है। जिन बच्चों ने कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खो दिया, वो कतई निराश न हों। उनकी चिंता करने के लिए उनका मामा है! उनकी पढ़ाई-लिखाई और रहन-सहन का इंतजाम मेरी सरकार करेगी!
कोविड की तीसरी लहर को रोकना -
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे प्रतिभाशाली और मेधावी बच्चों, तुम मन लगाकर पढ़ाई करो, तुम्हारी उच्च शिक्षा की राह में आने वाली हर बाधा को हम दूर करेंगे। तुम डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक बनो, तुम्हारे सपने अवश्य पूरे होंगे। प्रदेश की बहनों के कल्याण के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। 18 तारीख को 5 लाख बहनों को उज्ज्वला योजना का लाभ दिया जायेगा। हम सबको कोविड की तीसरी लहर को रोकना है। इसके लिए टीकाकरण और कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन जरूरी है। यदि हम सावधान न रहे, तो फिर कोरोना के संकट का सामना करना पड़ सकता है।