मुख्यमंत्री ने वैक्सीनेशन के लिए किया प्रोत्साहित, कहा - दूसरा डोज अवशय लगाएं
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में 25 दिसम्बर तक शत-प्रतिशत पात्र लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगाना सुनिश्चित किया जाए। जिन लोगों ने दूसरा डोज नहीं लगवाया है, उन्हें चिन्हित कर उनका निश्चित समय-सीमा में टीकाकरण सुनिश्चित करें। कोविड का दूसरा टीका नहीं लगवाना शर्म की बात है।
मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को मंत्रालय में कोविड वैक्सीनेशन की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि टीका नहीं लगवाना स्वयं के लिए तो खतरा है ही, परिजन और परिचितों के जीवन से खिलवाड़ भी है। प्रदेशवासियों में यह भाव विकसित करना होगा कि यदि हम टीकाकरण नहीं करवाते तो हम अपनी बड़ी जिम्मेदारी से मुकर रहे हैं और यह शर्म की बात है। बैठक में सभी जिलों के कमिश्नर और कलेक्टर वर्चुअली शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकरण के लिए जागरुकता के साथ टोका-टोकी का भी अभियान चलाना होगा। शासकीय लाभ लेने तथा शासकीय कार्य से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से दूसरा डोज़ लगवाने के संबंध में अवश्य पूछताछ की जाए। इस अभियान में पुलिस सहित राज्य सरकार के सभी विभाग सक्रिय भूमिका निभाएँ।
टीकाकरण के लिए प्रत्येक दिन का टारगेट निर्धारित करें कलेक्टर -
चौहान ने निर्देश दिए कि प्रत्येक जिला कलेक्टर 25 दिसम्बर तक कोरोना की दूसरी डोज़ लगाने के लिए प्रत्येक दिन का टारगेट तय कर टीकाकरण पूर्ण करें। प्रस्तुतिकरण देखने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों ने योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया है, वहाँ टीकाकरण में उपलब्धि प्राप्त हुई है। प्रदेश में 10, 17 एवं 24 नवम्बर तथा एक दिसम्बर को टीकाकरण महाअभियान संचालित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 17 दिसम्बर को पुन: टीकाकरण की स्थिति की जिलावार सघन समीक्षा की जाएगी।
टीकाकरण अभियान को औपचारिकता न समझें -
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि टीकाकरण अभियान को औपचारिकता नहीं समझा जाए। मात्र निर्देश जारी करना पर्याप्त नहीं है। निर्देशों के क्रियान्वयन के प्रत्येक बिन्दु पर राज्य सरकार द्वारा समीक्षा की जाएगी।
घरों को चिन्हित करें -
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने कर्मचारियों तथा उनके परिवारों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करें। शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक घर का सर्वे किया जाए। जिन परिवारों के पात्र सदस्यों का शत-प्रतिशत टीकाकरण नहीं हुआ है, उन घरों को चिन्हित किया जाए। एन.सी.सी, स्काउट-गाइड का सहयोग लें और "मैं हूँ वॉलेंटियर" अभियान प्रत्येक स्तर पर संचालित किया जाए। ग्राम, विकासखण्ड तथा जिला स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी और जन-प्रतिनिधियों को टीकाकरण गतिविधियों से जोड़ा जाए। सूचना, शिक्षा और संचार के नवाचारी अभियान चलाकर टीकाकरण के लिए वातावरण बनाया जाए।
कर्मचारियों और उनके परिवार का कराएं शत-प्रतिशत टीकाकरण -
बैठक में निर्देश दिए गए कि टीकाकरण में सभी शिक्षकों, आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्व-सहायता समूह और मनरेगा के सदस्यों, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, पटवारी, कोटवार, राशन दुकान संचालक और वन समिति के सदस्य, वन विभाग के कर्मचारी आदि तथा उनके परिवारों के पात्र सदस्यों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा विभाग अपने शिक्षकों, प्राध्यापकों और विद्यार्थियों के माध्यम से टीकाकरण के लिए जागरूकता अभियान संचालित करें। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, गर्भवती तथा धात्री महिलाओं के टीकाकरण में आवश्यक सहयोग उपलब्ध करवाएँ। जिन परिवारों में टीकाकरण को टालने की प्रवृत्ति है, उन्हें चिन्हित कर टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाए। कृषि विभाग का मैदानी अमला टीकाकरण में स्वास्थ्य विभाग को सहयोग प्रदान करें। साथ ही उद्योग तथा लोक निर्माण विभाग को विभिन्न उद्योगों और निर्माण कार्यों में लगे सभी श्रमिकों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए।
इंडेक्स रैंकिंग में दतिया, उमरिया, मुरैना, बालाघाट और छिंदवाड़ा आगे -
बताया गया कि अक्टूबर माह में टीकाकरण की गति कम रही है। प्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए पात्र 5 करोड़ 49 लाख 50 हजार जनसंख्या में से 4 करोड़ 99 लाख 30 हजार लोगों को प्रथम डोज़ लगाई जा चुकी है। दूसरी डोज़ मात्र 2 करोड़ 11 लाख 40 हजार लोगों को लगी है। प्रथम और द्वितीय डोज़ लगाने में राज्य स्तर पर की गई इण्डेक्स रैंकिंग में दतिया, उमरिया, मुरैना, बालाघाट और छिंदवाड़ा बेहतर स्थिति में हैं। भोपाल और इंदौर दूसरी डोज़ में लंबित संख्या अधिक होने के कारण पिछड़े हैं।