नरेंद्र सिंह तोमर के बहाने पूरी भाजपा को घेरने की कांग्रेस की खुली पोल, सामने आया वायरल वीडियो का सच

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी ने वीडियो के जवाब में वीडियो साझा कर एक्स पर किया खुलासा

Update: 2023-11-15 08:38 GMT

भोपाल।  मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के मतदान के अब कुछ घण्टे ही शेष हैं, ऐसे में लगता है विपक्षी दल सत्तारूढ़ भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ देना चाहती है, इसलिए अब उसने भारतीय जनता पार्टी के उस कद्दावर स्तम्भ को ही निशाना बनाने का प्रयास किया है, जिसके ढह जाने से उसे लगता है कि भाजपा चुनाव प्रचार से लेकर मतदान के दिन तक उससे बहुत पीछे चली जाएगी। इसलिए जब भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति संयोजक और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे को लेकर सोशल मीडिया में भ्रष्टाचार करने संबंधी करोड़ों की लेनदेन वाले बेटे के कथित वायरल वीडियो चलाए गए तभी मप्र भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने भी कनाडा के उस व्यापारी का फेक वीडियो साझा किया जो अपने आप को बहुत बड़ा व्यापारी बता रहा है। 

दरअसल, ‘छह मिनट से ज्यादा लंबे वीडियो में जगमनदीप सिंह क्रम से यह बता रहा है कि वह कनाडा का एक बड़ा व्यापारी है। उसने कनाडा में रहते हुए कैसे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र तोमर के साथ पैसे के लेन-देन की बात की है और यह मामला कोई 500 करोड़ का मामला नहीं बल्कि 10,000 करोड़ का है। जगमनदीप इस वीडियो में देवेंद्र तोमर तक ही सीमित नहीं रहता बल्कि वह मनिंदर सिंह सिरसा का नाम भी लेता हुआ दिखा जो भाजपा के बड़े नेता हैं और गृहमंत्री अमित शाह के बेहद करीबी माने जाते हैं। ऐसे में इसके माध्यम से विपक्ष एक तीर से दो निशान लगा रही है। न सिर्फ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह को बल्कि गृह मंत्री अमित शाह को भी यहां घेरने का प्रयास इस शख्श के माध्यम से हुआ है।


ऐसे में मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने वीडियो के बदले एक स्क्रीन शॉट जारी किया है जोकि जगमनदीप सिंह के सोशल मीडिया में वायरल किए गए वीडियो क्लिप में बताए उस साक्ष्य से हूबहू मिलता है, जिसमें यह दावा किया गया है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह के बेटे ने इस तरह से करोड़ों को लेन-देन किया है। बीजीपी प्रदेश मीडिया प्रभारी अग्रवाल ने इसे एक्स पर साझा करते हुए लिखा, ''देखिए षड्यंत्र की पोल अब खुलनी शुरू हो गई...यह शख्स अपने मोबाइल में जो दिखा रहा है वह उसी में फंस गया, वह जब पुलिस के सामने जाएगा और पुलिस की जांच से गुजरेगा तो उसका क्या होगा। इसने जो स्क्रीनशॉट दिखाया वह किसी Oxygen Concentrator Company का है। फॉरेंसिक जांच जब होगी तो प्याज के छिलकों की तरह कांग्रेसी षड्यंत्र की परतें भी खुलेंगी।''

दूसरी ओर इस पूरे मामले में कांग्रेस ने भाजपा को घेरने की भरसक कोशिश जारी रखी है। जिसके जवाब में अब स्वयं नरेंद्र सिंह तोमर ने भी पूरे प्रकरण में जांच करवाने की मांग की है। इस मामले में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बयान सामने आया है, उन्होंने एक्स पर दो पोस्ट डाली और कहा, ''आज सोशल मीडिया पर एक कूट रचित वीडियो मेरे बेटे से संबंधित वायरल किया गया है। यह एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है जो चुनाव के समय विपक्ष के द्वारा जनता को भ्रमित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।'' इससे पहले उन्होंने लिखा, ''पूर्व में इस तरह के झूठे वीडियो के संबंध में मेरे पुत्र देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर ने पुलिस जांच हेतु आवेदन भी किया था। मैं आज पुन: इस वीडियो की CFSL जांच हेतु एजेंसियों से मांग करता हूँ, ताकि सत्य बाहर आ सके और षड्यंत्र उजागर हो सके।''



उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी एक वीडियो वायरल हुआ था, जोकि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर के करोड़ों के लेनदेन से जुड़ा था। कथित वीडियो में देवेंद्र पांच सौ करोड़ रुपये को लेकर बात करते दिखते हैं। वीडियो काल करने वाला पूरी बातचीत को रिकार्ड करता दिखा। इस वीडियो को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने फेक बताते हुए इसे कांग्रेस का चुनावी हथकंडा बताया और साफ कहा, कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए फेक वीडियो जारी किया जा रहा है। चुनाव आते ही ऐसे फेक वीडियो जारी किए जा रहे हैं। इसकी शिकायत की गई है। वीडियो की जांच की जा रही है। इसके साथ ही शर्मा ने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस खुद ही भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है। कांग्रेस की पंद्रह महीने की सरकार में 281 करोड़ ऑन रिकॉर्ड पकड़े गए। वल्लभ भवन को दलाली का अड्डा बना दिया था। कांग्रेस पहले इसका जवाब दे।

वहीँ , पांच नवंबर को बहुप्रसारित पहले वीडियो के बाद देवेंद्र तोमर ने मुरैना के सिविल लाइन थाने में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराके पुलिस अधीक्षक से वीडियो की गहराई से पड़ताल करने की मांग की थी। जिस पर सिविल लाइन थाना प्रभारी वीरेश कुशवाह का मीडिया वक्तव्य भी सामने आया, जिसमें उन्होंने बताया भी कि 'वीडियो बहुप्रसारित करने वाले की जांच चल रही है। काफी लंबी चेन होती है। इसलिए इसमें समय लग रहा है।'

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