एजुकेशन पॉलिसी का उद्देश्य भारत को शिक्षा के क्षेत्र में सुपरपॉवर बनाना है : आरिफ मोहम्मद खान
एमसीयू में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर केंद्रित पांच दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय) में 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए क्रियान्वयन' पर केंद्रित पांच दिवसीय फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का उद्घाटन सोमवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव और एमसीयू के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने किया।
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का उद्देश्य दुनिया में भारत को शिक्षा के क्षेत्र में सुपर नॉलेज पावर बनाना है। यह शिक्षा नीति युवाओं को और अधिक स्किल्ड बनाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश का मंत्र है- 'आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः'। अर्थात हम अच्छे विचारों का सब ओर से स्वागत करते हैं। यह हमारी संस्कृति है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भी भारतीय संस्कृति के सर्वसमावेशी विचार पर जोर देती है। यह विविधताओं का सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि सामाजिक उत्तरदायित्व के बिना शिक्षा का कोई महत्व नहीं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थी के भीतर सामाजिक उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने वाली है।
मातृभाषा में शिक्षा प्रभावी -
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह एक भ्रम है कि अंग्रेजी के बिना प्रगति नहीं हो सकती। हमें जापान और फ़्रांस सहित दुनिया के अनेक देशों को देखना चाहिए, जो अपनी मातृभाषा में ही कार्य करते हैं। हमारे पास तो भाषाओं का गुलदस्ता है। किसी भाषा से दिक्कत नहीं है लेकिन यदि अपनी मातृभाषा में शिक्षा मिले तो अधिक प्रभावी परिणाम प्राप्त होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय भाषाओं का सम्मान और संवर्धन करती है। जब हम अपनी शिक्षा नीति की बात करते हैं तब हम अपनी जड़ों से जुड़कर बात करते हैं। हमें 1947 में ही मैकाले की शिक्षा नीति से मुक्त हो जाना चाहिए था। डॉ. यादव ने कहा कि दुनिया का सबसे युवा देश भारत है और संभावनाओं से भरा हुआ है। आज दुनिया के अनेक प्रश्नों का उत्तर देने का सामर्थ्य भारत में है। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो गौरव का भाव पैदा करे और बलिदान के लिए प्रेरित करे। इस सन्दर्भ में उन्होंने श्रीकृष्ण के जन्म, मां यशोदा, नंदबाबा के बलिदान और पन्ना धाय के बलिदान के प्रसंग भी सुनाये।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला पहला प्रदेश -
कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि यह हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है कि मध्यप्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला पहला प्रदेश है। उन्होंने कहा कि हम पहले विश्वविद्यालय हैं, जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप 7 पाठ्यक्रम लागू किए हैं, जिनमें 5 मीडिया के पाठ्यक्रम हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को फिर से ज्ञान के क्षेत्र में विश्वगुरु बनाने वाला दस्तावेज है। हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को क्रियान्वित करने के लिए अन्य विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू साइन किये हैं। अब एमसीयू के विद्यार्थी ओपन इलेक्टिव कोर्स में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के ओपन इलेक्टिव कोर्स पढ़ सकेंगे और वहां के विद्यार्थी एमसीयू में संचालित ओपन इलेक्टिव कोर्स पढ़ सकेंगे।