नर्मदा के अवैध घाटों से खुलेआम रेत खनन जारी

नर्सिंगपुर जिले में नहीं हो रहा एनजीटी के आदेश का पालन, न ही रुक रहा रेत का अवैध उत्खनन

Update: 2020-08-02 12:03 GMT

भोपाल, विशेष संवाददाता। प्रदेशभर में सक्रिय रेत चोर मानसून सीजन में जलीय जीवों के प्रजनन काल के चलते एनजीटी द्वारा रेत खनन पर लगाई गई रोक के आदेशों को भी नहीं मान रहे हैं। वहीं अधिकांश जिलों में रेत चोरी फर्जी भण्डारण दिखाकर भी किया जा रहा है। रेत माफिया की ऊंची पहुंच और सेटिंग के चलते जिला प्रशासन शिकायतों के बावजूद कार्रवाई की औपचारिकताभर कर रहा है, रेत माफिया बेखौफ होकर वैध-अवैध घाटों से रेत चोरी में जुटा है।

नर्सिंगपुर जिले की गोटेगांव तहसील जहां नर्मदा नदी के करीब आधा दर्जन से अधिक घाटों को मप्र खनिज निगम ने रेत घाट नहीं माना है। इसी कारण रेत ठेकेदार भी इन घाटों से रेत नहीं निकाल सकता। लेकिन गोटेगांव तहसील के बेलखेड़ी, झांसीघाट, जमनिया, बुधगांव और गर्रा बेलखेड़ी जैसे आधा दर्जन से अधिक घाटों से दिन-रात चोरी हो रही है। बताया जा रहा है कि एक भाजपा विधायक की सांठगांठ से एक स्थानीय कांग्रेसी नेता और राव हेमराज सिंह नामक रेत माफिया द्वारा अवैध घाट संचालित कर करीब 200-250 डंपर माल प्रतिदिन निकलवाया जा रहा है। खास बात यह है कि बारिस के मौसम को देखते हुए यहां रेत का अवैध भण्डारण भी किया गया है, जिसमें करीब 50 हजार मीट्रिक टन से अधिक रेत जुटा ली गई है। जिलाधीश के निर्देश पर जिला प्रशासन का अमला यहां कार्रवाई के लिए पहुंचता तो है, लेकिन इस अमले को न तो अवैध रेत चुराते ट्रक और डंपर दिख रहे हैं और न ही रेत का अवैध भण्डारण ही नजर आ रहा है। उल्लेखनीय है कि खनिज निगम ने गोटेगांव तहसील में नदी घाट पर रेत की पर्याप्त उलब्धता नहीं पाई है, इस कारण यहां रेत खनन के लिए वैधानिक घाट नहीं बनाया गया है। इसीलिए नर्सिंगपुर जिला समूह के ठेकों में गोटेगांव तहसील के किसी घाट का ठेका दिया गया है। ऐसी स्थिति में यहां रेत भण्डारण का सवाल ही नहीं उठता। ऐसी स्थिति में स्थानीय नागरिक समझ नहीं पा रहे हैं कि रेत के विशाल भण्डारण को देखकर भी जिला प्रशासन आखिर क्यों नजर अंदाज कर रहा है। आखिर क्यों खुलेआम हो रही रेत चोरी और अवैध रेत से भरे प्रतिदिन निकल रहे करीब 200 से अधिक ट्रक-डंपर जिला प्रशासन को क्यों नजर नहीं आ रहे हैं।

जबलपुर की रॉयल्टी पर गोटेगांव से चोरी हो रही रेत

स्थानीय नागरिक बताते हैं कि शातिर रेत माफिया ने जबलपुर जिला समूह के ठेकेदार से सेटिंग बना रखी है। गोटेगांव से अवैध रेत चुराने वाले कई वाहन चालक पकड़े जाने पर भी स्थानीय अधिकारियों से सांठगांठ कर छूट जाते हैं। इसके लिए वे तुरत-फुरत में जबलपुर की रॉयल्टी कटवा लेते हैं। इस तरह पकडऩे वाले अधिकारी भी रॉयल्टी के टाइम के हिसाब से पकडऩा दिखाकर और वाहन में भरी रेत को वैधानिक बताकर छोड़ देते हैं। खास बात यह है कि गोटेगांव से विधायक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन.पी.प्रजापति हैं, लेकिन वह भी न तो विधानसभा अध्यक्ष रहते और न ही अब इस अवैध कारोबार को रोक पा रहे हैं।

'रेत चोरों के विरुद्ध प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है। कार्रवाई के लिए आज भी प्रशासनिक दल भेजा है। जहां भी अवैध खनन मिलेगा, सख्ती से रोका जाएगा। '

श्री वेदप्रकाश, जिलाधीश, जिला-नर्सिंगपुर

'सरकार भाजपा की, मुख्यमंत्री भाजपा के, ठेकेदार, कलेक्टर और एसपी भी भाजपा के ऐसे में कौन किसको और क्यों रोकेगा। प्रदेशभर में खुलेआम रेत चोरी जारी है। एक जून से नदियों से रेत खनन पर एनजीटी द्वारा लगाई गई रोक के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।'

एन.पी.प्रजापति, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक गोटेगांव

'गोटेगांव में घाट ही नहीं है, वहां से रेत कैसे निकलेगी। अभी रेत खनन पूरी तरह बंद है। अगर कहीं ऐसा दिखेगा तो प्रशासन के माध्यम से कार्रवाई करवाई जाएगी। '

जालम सिंह पटेल, विधायक नर्सिंगपुर 

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