मप्र में लव जिहाद कानून को मिली कैबिनेट की मंजूरी, राज्यपाल की मुहर के बाद होगा लागू
भोपाल। प्रदेश सरकार लव जिहाद को लेकर बेहद सख्त है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई वर्चुअल कैबिनेट बैठक में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम कानून को अध्यादेश के माध्यम से लागू करने का निर्णय लिया गया। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अनुमति के लिए भेजा गया है। उनकी अनुमति के बाद यह अधिनियम प्रदेश में प्रभावी हो जाएगा।सरकार कानून को विधानसभा में पारित करने वाली थी लेकिन कोरोना के चलते विधानसभा सत्र स्थगित कर दिया गया। अब सरकार विशेष कैबिनेट बैठक बुलाकर कानून को मंजूरी देगी।
ये है प्रावधान -
- कपट पूर्वक अथवा बल पूर्वक धर्मांतरण और शादी करना गैर जमानती अपराध होगा।
- 10 साल और एक लाख रूपए जुर्माने की सजा।
- धर्मांतरण या धर्मांतरण के बाद होने वाली शादी से दो माह पहले मजिस्ट्रेट को आवेदन देकर सूचित करना होगा।
- बिना आवेदन धर्मनातरण कराने वाले धर्म गुरुओं के लिए भी 5 साल की सजा का प्रावधान।
- कपटपूर्ण एवं धोखे से हुए धर्मांतरण में सहयोगी भी मुख्य आरोपी माना जायेगा।
- धोखे एवं बलपूर्वक विवाह और धर्मनातरण करने वाली संस्थाओं के पंजीकरण रद्द होंगे।
- मूल धर्म में वापसी अपराध नहीं।
गृहमंत्री ने दी जानकारी -
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से मप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र स्थगित हो गया है। इस सत्र के दौरान यह विधेयक सदन में प्रस्तुत किया जाना था लेकिन सत्र स्थगित होने की वजह से अब इसे अध्यादेश के जरिये लाने का निर्णय लिया गया है। लव जिहाद को रोकने के लिए मध्य प्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम लागू होगा। इससे संबंधित अध्यादेश को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।