नईदिल्ली /भोपाल। गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में राजपथ पर होने वाली परेड में इस बार मध्यप्रदेश की झांकी नहीं दिखी। पिछले दो सालों से लगातार मप्र की झांकी की थीम को केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं मिल रही है I आखिरी बार साल 2018 में प्रदेश की झांकी राजपथ पर नजर आई थी। जिसमें महात्मा बुद्ध की शांति को प्रदर्शित किया था। जिसे सभी ने सराहा था।
बता दें की गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकी तैयार करने का कार्य जनसंपर्क विभाग तैयार करता है। इस बार भी मप्र की झांकी का चयन सूची नाम नहीं आना जनसंपर्क विभाग की कमजोर प्रचार- प्रसार नीतियों की ओर इशारा कर रही है। लगातार दो सालों से राजपथ पर मप्र का प्रतिनिधित्व ना होने से राज्य सरकार की मार्किंग केंद्र सके समक्ष नकरात्मक होती जा रही है। वहीँ दूसरी ओर छत्तीसगढ़ और राजस्थान तेजी से सर्वाधिक राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले राज्य बनते जा रहे है I मप्र की तरह केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की झांकियों का चयन ना होने पर इन राज्यों ने विरोध जताया। वहीं एमपी के जिम्मेदार कॉस्ट कटिंग के बहाने लगातार दो वर्ष से शिवराज सरकार की किरकिरी कराने में लगे हुए है I
आपको बता दें रक्षा मंत्रालय की ओर से हर वर्ष देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से झांकी निर्माण के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते है। इसमें राज्यों को प्रस्ताव में थीम के अलावा झांकी का स्केच या डिजाइन भेजना होता है। जिसे उच्च स्तरीय कमेटी निरीक्षण करने के बाद झांकी निर्माण किए जाने पर सहमति देती है।