सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए शहीद कर्णवीर सिंह, CM ने दी श्रद्धांजलि

Update: 2021-10-22 12:45 GMT

भोपाल/सतना। जम्मू कश्मीर के शोपियां में दो दिन पहले आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सतना जिले के रहने वाले भारतीय सेना के जवान कर्णवीर सिंह शहीद हो गए थे। शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम दलदल पहुंचा, जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सतना जिले के ग्राम दलदल पहुंचकर शहीद कर्णवीर सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किए। शहीद को हजारों लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ग्राम दलदल के लाल शहीद कर्णवीर सिंह ने प्रदेश ही नहीं, देश का नाम भी रोशन किया है। कर्णवीर सिंह ने अपने जन्म-दिवस के दिन भारत माता की सेवा करते हुए दो आतंकवादियों को ढेर किया। इस संघर्ष में उन्हें अपने प्राणों का बलिदान देना पड़ा। कर्णवीर सिंह सदा-सदा के लिए अमर हो गए हैं। 

मुख्यमंत्री ने अर्पित किए श्रद्धासुमन - 


मुख्यमंत्री ने आतंकवादियों से संघर्ष करते हुए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले अमर शहीद कर्णवीर सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किये। उन्होंने शहीद के परिजनों से भेंट कर उन्हें सांत्वना दी और कहा कि शहीद के परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान निधि भेंट की जायेगी। उनके भाई शक्ति सिंह को सरकारी नौकरी दी जायेगी। ग्राम दलदल में शहीद की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए उनकी प्रतिमा लगाई जाएगी। परिवार के लोगों की सहमति के अनुसार किसी एक संस्था का नाम शहीद कर्णवीर सिंह के नाम पर किया जाएगा।

दस बेटे भारत माँ पर कुर्बान -  

उन्होंने कहा कि मैं मध्य प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से शहीद के चरणों में नमन करता हूँ। उनका परिवार अब पूरे प्रदेश का परिवार है। धन्य है दलदल गाँव की धरती, जिसने ऐसे शहीद को जन्म दिया। शहीद कर्णवीर सिंह के पिता सेवानिवृत्त मेजर रवि प्रताप सिंह तथा माता मिथिलेश सिंह को भी मैं सादर नमन करता हूँ। उनका परिवार हम सबके लिए वंदनीय है। उनके पिता को अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। उनकी आँख से आँसू की एक बूंद नहीं गिरी। वे कहते हैं कि यदि मेरे दस बेटे होते तो मैं सभी को भारत माँ पर कुर्बान कर देता। ऐसे देशभक्त परिवार को मैं सादर प्रणाम करता हूँ। 

शोपियां में शहीद 

उल्लेखनीय है कि सतना जिले के दलदल निवासी कर्णवीर सिंह भारतीय सेना में 21 राजपूत रेजीमेंट में पदस्थ थे। कर्णवीर सिंह दो दिन पहले कश्मीर में शोपियाँ में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे। उनका पार्थिव शरीर विशेष विमान से दिल्ली तथा प्रयागराज पहुंचा और फिर प्रयागराज से शुक्रवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ सड़क मार्ग से उनके गृह ग्राम लाया गया। यहां उनके अंतिम दर्शन के लिए आसपास के क्षेत्रों से लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। भारत माता की जय के नारों से पूरा गांव गूंज उठा। ग्राम पंचायत परिसर में शहीद कर्णवीर सिंह का पूरे सैनिक तथा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। हजारों लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाते हुए नम आँखों से भारत माता के सपूत कर्णवीर सिंह को अंतिम विदाई दी।

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