एमपीबोर्ड 12वीं का परीक्षा परिणाम घोषित, रीवा की खुशीसिंह अव्वल
- 73.40% छात्रायें एवं 64.66% छात्र उत्तीर्ण हुए
भोपाल। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने आज 12वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया। हायर सेकण्डरी परीक्षा में इस वर्ष 68.81% नियमित परीक्षार्थी तथा 28.70% स्वाध्यायी परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। एक बार फिर बोर्ड एग्जाम में छात्राये आगे रहीं। 73.40% नियमित छात्रायें परीक्षा में सफल हुई हैं, वहीँ 64.66% नियमित छात्र उत्तीर्ण हुए है। निजी स्कूलों की अपेक्षा शासकीय स्कूलों का परीक्षा परिणाम बेहतर रहा। शासकीय विद्यालयों का परीक्षा परिणाम 71.43% रहा, वहीँ निजी विद्यालयों का परिणाम 64.93% रहा है। वही प्रदेश में सबसे अच्छा परिणाम नीमच जिले का 84.10 प्रतिशत रहा है।वहीँ सबसे खराब परीक्षा परिणाम भिण्ड जिले का 46.46 प्रतिशत रहा।
ह्यूमेनिटीज में टॉपर-
इस साल ह्यूमेनिटीज की टॉपर्स लिस्ट में टॉप फाइव में पांच छात्राओं ने स्थान प्राप्त किया है। जिसमें रीवा जिले की शासकीय कन्या उमा विद्यालय की छात्रा खुशी सिंह ने 500 में से 486 अंक लेकर टॉप किया। नरसिंहपुर जिले की शा. बहु. उत्कृष्ट उमा विद्यालय की छात्रा मधुलता सिलावट ने 500 में 479 अंकों के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है। तीसरा स्थान नीमच की निकिता पाटीदार ने 500 में से 476 अंकों के साथ प्राप्त किया है। राजगढ़ की रियांशी शाक्यवार ने 474 अंकों के साथ चतुर्थ एवं दतिया जिले की निराली शर्मा ने 473 अंकों के साथ पांचवां स्थान प्राप्त किया।
गणित में टॉपर -
गणित विषय में दो लोगों प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मंदसौर जिले के शा.उत्कृष्ट विद्यालय की प्रिया एवं रिंकू बाथरा ने 500 में से 495 अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया है।इसी विद्यालय के हरीश ने 500 में से 491 अंकों के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
वाणिज्य समूह -
नीमच के मुफदद्ल अरविवाला ने 500 में से 487 अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया है। देवास की प्रियांशी यादव एवं विदिशा की निकिता भार्गव ने 480 अंकों के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
बता दें की 12वीं की कुछ परीक्षाये मार्च में होने के बाद शेष परीक्षाये कोरोना संक्रमण के चलते रद्द हो गई थी. जिन्हें एमपीबोर्ड ने 9 जून से 16 जून के बीच संपन्न करवाया था। इस साल प्रदेश से लगभग आठ लाख से अधिक विद्यार्थीयों ने 12वीं की परीक्षा दी थी।प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण लगभग 30 हजार छात्र परीक्षा नहीं दे पाए थे। जिनके लिए अलग से परिक्षायें आयोजित होंगी।