भोपाल। प्रदेश में गौ-संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गो-केबिनेट बनाई गई है। जिसकी पहली बैठक रविवार सुबह 11 बजे भोपाल स्थित मंत्रालय में होगी। इसके बाद मुख़्यमंत्री अगर स्थित सालरिया जायेंगे। वे सलारिया स्थित गोअभ्यारण जाकर गौ-पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है की सालरिया गौ -अभ्यारण्य को आदर्श के रूप में विकसित किया जाएगा। सीएम ने ये घोषणा 22 नवम्बर गोपाष्टमी को होने वाले आयोजन की तैयारियों की समीक्षा के दौरान की।
गो-संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गौ कैबिनेट के गठन के बाद सरकार गो-सेवा कर (काऊ सेस) लगाने पर भी विचार कर रही है।मुख्यमंत्री ने कहा की इससे गो-पालन के लिए पर्याप्त राशि सरकार को प्राप्त हो सकेगी तथा इस पावन कार्य में सभी की भागीदारी भी होगी। गोपाष्टमी के अवसर पर सालरिया गो-अभ्यारण्य में आयोजित होने वाले आयोजन में 14 प्रमुख गो-विशेषज्ञ शामिल होँगे।जिनके साथ मुख्यमंत्री संगोष्ठी कर प्रदेश में गो-संरक्षण एवं संवर्धन के संबंध में चर्चा करेंगे।
ये है विशेष -
- गो कैबिनेट में गृह, वन, कृषि, ग्रामीण विकास और पशुपालन मंत्री को सदस्य बनाया गया।
- गो सेवा कर पर कितना हो कैबिनेट में होगा विचार।
- रजिस्ट्री, वाहन और शराब पर लग सकता है गो कर।
- गौशालाओं के संचालन में सरकार का भार होगा कम।
देशी नस्ल को दिया जायेगा बढ़ावा -
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में गो-पालन के अंतर्गत देशी नस्ल को बढ़ावा दिया जाएगा। गो-काष्ठ लकड़ी का श्रेष्ठ विकल्प है, अत: इसका उत्पादन बढ़ाया जाएगा। साथ ही गाय के दूध से निर्मित विभिन्न सामग्रियों, गोबर एवं गो-मूत्र से बने उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। गो-अभ्यारण्य सालरिया में एक आधुनिक गो-अनुसंधान केन्द्र भी खोला जाएगा।
प्रदेश में 627 गो-शालाएं संचालित -
बता दें की प्रदेश में स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 627 गो-शालाएं संचालित हैं, इनमें 1 लाख 66 हजार गो-वंश का पालन किया जा रहा है। प्रदेश में निराश्रित गो-वंश लगभग 8.5 लाख है। जिनकी देखरेख के लिए सरकार गोकर लगाने की तैयारी कर रही है।