भोपाल, विशेष संवाददाता। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और भारतीय राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में बुधवार 29 जनवरी को विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान का प्रभाव भोपाल में पूरी तरह बेअसर दिखा। राजधानी के पुराने शहर की कुछ मुस्लिम बस्तियों में प्रदर्शकारियों ने एकजुट होकर तथा दुकानदारों को धमकाकर कुछ बाजार बंद कराए और प्रदर्शन कर नारेबाजी भी की। जबकि व्हीआईपी मार्ग और अरेरा हिल्स, श्यामला हिल्स के आगे के बाजारों में व्यापारियों ने बेधड़क होकर अपनी दुकानें खोलीं। प्रदर्शनकारियों ने इकबाल मैदान में एकत्र होकर प्रदर्शन किया।
उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और भारतीय राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में विभिन्न संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था। वहीं संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत की गई इस घोषणा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क था। भारत बंद के आह्वान के दौरान भोपाल में उपद्रवी तत्व सक्रिय न हो सकें तथा बाजार जबरदस्ती बंद न कराए जाएं। इसके लिए पुलिस और प्रशासन भी सतर्क रहे। पुलिस बंद के आह्वान के साथ राजधानी में निकाली गई रैली और प्रदर्शन पर ड्रोन से भी नजर रखी। वॉट्सएप समूहों पर भड़काऊ संदेश भेजने पर कार्रवाई की चेतावनी पुलिस ने दी थी। इसके अलावा कई संदेहास्पद वॉट्सअप समूहों की विशेष निगरानी भी की गई। इस दौरान विद्यालय, महाविद्यालय सहित अन्य सरकारी कार्यालय खुले रहे। एक दिन पहले पुलिस उप महानिरीक्षक इरशाद वली ने भी साफ किया था कि किसी भी संगठन ने यदि जबरन दुकानें, बसें या अन्य संस्थानों को बंद करवाया तो उन्हें गिरफ्तार कर कार्रवाई की जाएगी। इसी क्रम में पुलिस ने भोपाल शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल पदस्थ किया था। जिलाधीश तरुण पिथोड़े और उप पुलिस महानिरीक्षक इरशाद वली स्वयं शहर में विभिन्न स्थानों पर घूमकर स्थिति पर नजर बनाए रखे। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिसे मर्जी से दुकानें बंद रखना हैं वह रख सकते हैं, लेकिन जबरदस्ती बाजार बंद नहीं कराए जाएंगे। बंद के आह्वान के बाद शहर में आरएएफ, एसटीएफ सहित करीब 3 हजार पुलिस जवान पदस्थ किए गए थे। शहर के प्रवेश मार्गों के अलावा शहर में भी कई स्थानों पर बैरीकेट्स लगाकर वाहनों की जांच की गई।
इन क्षेत्रों में डराकर बंद कराईं दुकानें
सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में बुधवार को बहुजन क्रांति मोर्चा ने राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्वान किया था। बंद को कई मुस्लिम संगठनों ने भी समर्थन दिया था। बुधवार को राजधानी भोपाल के पुराने भोपाल में बुधवारा, इतवारा, सुल्तानिया रोड, जहांगीराबाद, शाहजहानाबाद, काजी कैंप आदि पुराने शहर के बाजारों को जबरदस्ती बंद कराया गया। वहीं पीर गेट इलाके में प्रदर्शनकारियों के दबाव के बावजूद अधिकांश बाजार खुले रहे।
प्रदेशभर में निष्प्रभावी रहा बंद
राजधानी भोपाल ही नहीं प्रदेश के अन्य शहरों जबलपुर, ग्वालियर, सागर, होशंगाबाद, रीवा, सीहोर, रायसेन और अन्य जिलों में भी अन्य सामान्य दिनों की भांति बाजार खुले रहे। यातायात भी सुचारू रूप से चलता रहा। इसके अलावा पेट्रोल पंप, विद्यालय सहित अन्य गतिविधियां भी सामान्य ही दिखीं। विद्यालय और महाविद्यालय के वाहनों के अलावा यात्री वाहन भी सामान्य दिनों की भांति चलते रहे। बंद का आह्वान करने वाले संगठनों के कुछ लोग हाथों में झंडा पकड़कर और नारेबाजी करते हुए सड़कों पर दिखाई दिए। इस तरह राजधानी भोपाल ही नहीं पूरे प्रदेशभर में बंद का असर नजर नहीं आया।
विधायक ने बाजार में घूमकर की बंद की अपील
भोपाल मध्य विधानसभा के विधायक आरिफ मसूद बंद के समर्थन में सराफा मार्केट और चौक बाजार में व्यापारियों के बीच पहुंचे। उन्होंने व्यापारियों से एनआरसी, सीएए और एनपीआर के विरोध में बाजार बंद रखने की अपील की।