भोपाल। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें अवैध शराब को गंभीर अपराध की श्रेणी में लाने के लिए गृह विभाग द्वारा प्रस्तुत आबकारी संशोधन विधेयक 2021 के मसौदे को मंजूरी दी गई। मसौदे में अवैध शराब से मौत होने पर दोषी को आजीवन कारावास अथवा मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं जुर्माने की राशि 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गई है। राज्य सरकार इस विधेयक को विधानसभा के मानसून सत्र में पारित कराने की तैयारी में है।
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि बैठक में आबकारी संशोधन विधेयक 2021 को स्वीकृति दी गई। आबकारी नियमों में किए गए संशोधन के तहत अब हेरिटेज मदिरा नाम की एक नई श्रेणी जोड़ी गई है, जिसके तहत अवैध शराब पाए जाने पर आजीवन कारावास अथवा मृत्युदंड की सजा का प्रावधान किया गया है।
सजा का प्रावधान
उन्होंने बताया कि ऐसी शराब जिसके सेवन से जान चली जाती है उसमें दोषी साबित होने पर उम्रकैद और फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है, जबकि मौजूदा कानून में इसके लिए 10 साल की सजा का प्रावधान था। वहीं जुर्माने की राशि 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जिस शराब के सेवन से व्यक्ति अपंग हो जाता है उसमें न्यूनतम सजा 1 से 6 साल थी, उसे बढ़ाकर 10 से 14 साल किया गया है। अवैध शराब के साथ पकड़े जाने पर 6 से 10 साल की सजा मिल सकेगी। इसके साथ नए कानून में और सख्त प्रावधान किया गया है, जिसे अवैध शराब बेचने पर रोक लग सकेगी। वहीं अवैध शराब की सर्च और गिरफ्तारी में आड़े आने और सर्चिंग टीम पर हमला करने वालों को बिना वारंट गिरफ्तार करने का प्रावधान किया गया है।
अवैध शराब की रोकथाम -
गृह मंत्री ने बताया कि दूसरे राज्यों से आ रही अवैध शराब की रोकथाम के लिए संबंधित राज्यों से मध्यप्रदेश सरकार बात करेगी। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने प्रदेश में लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के निवेश का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। एमएसएमई के लिए निवेश सीमा बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये किया जा रहा है। वर्तमान में केवल 10 करोड़ के निवेश वाले उद्योग ही इस दायरे में आते हैं।