कृषि सुधार अधिनियमों के विरोध-प्रदर्शन के समर्थन में जंतर-मंतर पहुंचे अरविंद केजरीवाल

Update: 2020-10-12 10:11 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नए कृषि अधिनियमों के कारण देश के किसानों को खेतीबाड़ी छोड़कर प्रदर्शन करना पड़ रहा है। यह समय खेती के लिहाज से व्‍यस्‍तता का समय है, धान काटने का समय है लेकिन किसान प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं।

केजरीवाल सोमवार को जंतर-मंतर पहुंचे और नए कृषि सुधार कानूनों के विरोध में आयोजित प्रदर्शन को संबोधित किया। केजरीवाल ने कहा कि कृषि कानून के ज़रिए सरकार खेती को किसानों से छीनकर कंपनियों को देना चाहती है। मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं कहना चाहता हूं कि आज़ादी के बाद जब अनाज की दिक्कत थी तब कंपनियां नहीं, किसान काम आया था और हरित क्रांति की थी।"

उन्होंने कहा कि वो कहते हैं पूरे देश में सिर्फ 6 प्रतिशत किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदी जाती है। इसका मतलब एमएससी बंद थोड़े कर दोगे। उन्होंने कहा कि 6 प्रतिशत की ही फसल एमएसपी पर खरीद रहे हो तो लानत है तुम्हारी सरकारों पर। 2014 में जब बीजेपी के नेता वोट मांगने आए थे तब बोले थे कि हम स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करेंगे, एमएसपी 1.5 गुना लागत का देंगे। लेकिन इन्होंने चुनाव जीतने के बाद एमएसपी ही खत्म कर दी।

इससे पहले केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि किसान विरोधी कानूनों का विरोध करने आज पंजाब से किसान जंतर जंतर-मंतर आ रहे हैं। किसानों की मांग है कि बिना उनकी मर्ज़ी और सलाह से बनाए कृषि कानून को केंद्र सरकार वापस ले। आम आदमी पार्टी किसानों की मांग और हितों के साथ खड़ी है। मैं भी जंतर-मंतर जा रहा हूँ, आप सब भी आइए।


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