नईदिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा जारी बजट में शिक्षा को प्रमुखता दिए जाने के लिए भारतीय शिक्षण मण्डल ने स्वागत किया। इस बजट में नई शिक्षा नीति को आधार मानकर शिक्षा क्षेत्र में विकास के लिए 13 हजार 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है। भारतीय शिक्षण मंडल के महामंत्री उमाशंकर पचौरी ने पत्र जारी कर बजट में किये गए प्रावधानों का स्वागत किया है।
भारतीय शिक्षण मंडल ने इस बजट को शैक्षणिक परिवेश के निर्माण के लिए आधारशिला माना है। बजट में ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा संसाधन उपलब्ध कराने की बात भी की गई है जिससे शिक्षा से वंचित समुदाय को मुख्य धारा से जोड़ने में मदद मिलेगी।सरकार के इस बजट में शोध के क्षेत्र में भी विशेष प्रयास की संकल्पना दिखती है।राष्ट्रीय शोध संस्थान के लिए 50 हजार करोड़ व्यय करने की बात की गई है। इससे शोध आधारित गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय शिक्षण मंडल से जुड़े संगठन रिसर्च ऑफ रिसर्चेस फाउंडेशन ने इसे देश एवं समाज केंद्रित शोध की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।
बजट में शिक्षा के लिए ये हैं विशेष प्रावधान, जिनका भारतीय शिक्षण मंडल ने किया स्वागत -
- उच्च शिक्षा में सुधार के लिए सरकार उच्चतर शिक्षा आयोग के गठन होगा।
- शोध कार्य के लिए 50,000 करोड़ का प्रावधान
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आधार बनाकर शैक्षिक सुधार का खाका तैयार
- आदिवासी छात्रों के लिए 758 एकलव्य विद्यालय खोलने का प्रस्ताव।
- लेह में केंद्रीय विश्विद्यालय खोलने का प्रस्ताव।
- इंजीनियरिंग छात्रों के प्रशिक्षण के लिए 3 हजार करोड़ का प्रावधान।
- राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन की शुरुआत।