दुनिया को भारत की ओर आकर्षित कर रहा है योग व नेचुरोपैथी : नितिन गडकरी

Update: 2021-06-21 11:28 GMT

नईदिल्ली। योग-विज्ञान व आयुर्वेद भारत की एक बड़ी ताकत हैं। हमारे ट्टषि-मुनि, साधु, सन्यासियों ने हिमालय में रहकर इस योग विज्ञान का अध्ययन व अनुसंधन किया था। आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से सूर्या पफाउण्डेशन व इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उद्घाटन समारोह ;वर्चुअलद्ध में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए केंद्रीय मंत्राी श्री नितिन गडकरी जी ने कहा कि योग-विज्ञान व आयुर्वेद की तरपफ पूरी दुनिया आकर्षित हो रही है। यही वजह है कि विश्व भर में 21 जून अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।  

आज पूरी दुनिया योग विज्ञान, नेचुरोपैथी, आयुर्वेद व भारत संस्कृति को मान्यता दे रही है और इसकी लोकप्रियता दिनो दिन बढ़ती जा रही है। इस अवसर पर नितिन गडकरी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि वे स्वयं प्रतिदिन योग व प्राणायाम करते है। जिससे उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर हुआ है और वह स्वयं बहुत अच्छा अनुभव कर रहे हैं। उन्होने कहा कि कोरोना महामारी काल में योग व नेचुरोपैथी की क्रियाओं से बहुत लाभ मिला है। इसलिए योग, नेचुरोपैथी, व आयुर्वेद के स्वास्थ्य में सकारात्मक व प्रभावशाली परिणामों को देखते हुए इस क्षेत्रा में शोध् व अनुसंधन की अत्यध्कि आवश्यकता है। उन्होने आगे कहा कि इस क्षेत्रा में भारत में कई संस्थाएं एवं योग गुरू हैं जो सराहनीय कार्य कर रहे हैं। इनमें इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन अग्रणी संस्थाओं में शामिल है।

जायसवाल ने शुभरंभ किया - 

इससे पहले सूर्या फाउण्डेशन व इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन के चेयरमैन पदम्श्री जयप्रकाश अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत युवाओं का देश है और हम योग एवं नेचुरोपैथी के माध्यम से सस्ती, सरल एवं सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं दे सकते है। इंटरनेशनल नेचरोपैथी आर्गेनाइजेशन का यही उद्देश्य है कि घर-घर तक जन-जन तक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों से श्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचे। इस संबंध् में उन्होने आगे कहा कि माननीय प्रधनमंत्री ने योग को अन्तर्राष्ट्रीय जगत में स्थापित करके बहुत बड़ा काम किया है।

प्रतियोगिया का आयोजन - 

इंटरनेशनल नेचरोपैथी आर्गेनाइजेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष अनंत बिरादार ने बताया कि योग दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर आम जनता व युवाओं में योग के प्रति जन-जागृति हेतु सूर्य नमस्कार व भ्रामरी प्राणायाम प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 29 राज्यों के 400 जिलों से हजारों योग साध्कों ने भाग लिया। साथ ही योग क्रिया, जलनेति अभियान, सभी राज्यों में ष्स्वास्थ्य व सुखी जीवन के लिए योग का महत्व पर वेबीनार का आयोजन स्थानीय भाषा में किया गया। इसी दौरान 15 दिनों तक योग-नेचुरोपैथी पर वर्चुअल वार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान भ्रामरी प्राणायाम प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया गया जिसमें प्रथम स्थान पर पश्चिम बंगाल की कुमारी काजरे हाजरा, द्वितीय स्थान पर गुजरात की डाॅ. भौतिक पानसेरिया व तृतीय स्थान पर गुजरात की उर्मिला सिंह रहीं। इन सभी विजेताओं को नगद राशि, प्रशस्ति-पत्रा व स्मृति चिन्ह दिया जायेगा। सूर्य नमस्कार प्रतियोगिताओं में देश भर से अत्यध्कि संख्या में प्रतिभागी शामिल हुए जिसके कारण इस प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा 3 जुलाई को की जायेगी।

 मन और आत्मा को बल -

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ की महामहिम राज्यपाल सुश्री अनुसूइया ऊइके ने अपने उद्बोध्न में कहा कि योग क्रिया को नित्य जीवन में अपनाने से मन और आत्मा को बल मिलता है। व्यक्ति की सोच सकारात्मक रहती है।  केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने इस अवसर पर कहा कि योग हमारे देश की प्राचीन परम्परा है तथा ट्टषि-मुनियों द्वारा विश्व को दिया गया अनमोल उपहार है। योग ही हमें अपने दैनिक कार्य के प्रति समर्पण की प्रेरणा देता है।

योग व नेचुरोपैथी -

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रुप में शामिल हुए दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्रा के सांसद राजू बिष्टा ने इंटरनेशनल नेचरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन के सदस्यों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी चिकित्सा पद्धतियों में केवल योग व नेचुरोपैथी ही ऐसी चिकित्सा पद्धति है।  जिसमें किसी प्रकार की मेडिसिन का प्रयोग नहीं होता है और न ही किसी प्रकार का साइड इपफेक्ट है यह एक ड्रैग्रलेस थेरपी है।‌ इस अवसर पर अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डाॅ. लोकेश मुनि फिल्म निर्माता-निर्देशक सुभाष घई भी उपस्थित रहे

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