दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण: पराली जलाने पर लगेगा दोगुना जुर्माना, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र ने उठाया कदम
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम को 'टूथलेस' बताए जाने के बाद, केंद्र ने पराली जलाने पर जुर्माना दोगुना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (ईपीए), 1986 और पराली जलाने पर छोटे जुर्माने को 'टूथलेस' बताए जाने के बाद, केंद्रीय पर्यावरण, वन मंत्रालय ने बुधवार को पराली जलाने के खिलाफ जुर्माने को दोगुना कर दिया है।
शिकायत दर्ज करने, जांच करने और पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ न्यायनिर्णयन प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए अधिनियम के तहत नए नियमों को अधिसूचित किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु पर्यावरण प्रबंधन आयोग (पर्यावरण पर प्रकाशित) इलेक्ट्रॉनिक्स का अधिरोपण, संग्रहकर्ता और उपयोग) संशोधन अध्याय, 2024 प्रभावशाली होगा।
जानकारी के अनुसार, 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (पराली जलाने पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति का अधिरोपण, संग्रहण और उपयोग) संशोधन नियम, 2024 प्रभावी होंगे। दो एकड़ से कम भूमि वाले किसान को 5000 रुपये का पर्यावरण क्षतिपूर्ति देना होगा। दो एकड़ या उससे अधिक लेकिन पांच एकड़ से कम भूमि वाले किसान को 10,000 रुपये का पर्यावरण क्षतिपूर्ति देना होगा। वहीं पांच एकड़ से अधिक भूमि वाले किसान को 30,000 रुपये का पर्यावरण क्षतिपूर्ति देना होगा।
पराली जलाने पर 30 हजार रुपए तक का जुर्माना :
नए नियमों के अनुसार, दो एकड़ से कम भूमि वाले किसानों को पराली जलाने पर 5,000 रुपये, दो से पांच एकड़ वाले किसानों को 10,000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक भूमि वाले किसानों को 30,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। इसके पहले पहले, दो एकड़ से कम भूमि वाले किसानों को पराली जलाने पर 2,500 रुपये, दो से पांच एकड़ वाले किसानों को 5,000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक भूमि वाले किसानों को 15,000 रुपये का मुआवजा देना पड़ता था।