नईदिल्ली। गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया उनका डर है की यूपी पुलिस फेक एन्काउंटर के नाम पर मुख़्तार अंसारी की जान ले सकती है उनकी मांग है की अंसारी को एक स्वतंत्र और निष्पक्ष परीक्षण का मौका मिले |
सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च, शुक्रवार को आदेश दिया था कि अंसारी को कथित रूप से कई आपराधिक मामलों में शामिल होने के तथ्य को ध्यान में रखते हुए अंसारी को पंजाब की जेल से उत्तर प्रदेश की जेल में स्थानांतरित कर दिया जाए।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में अंसारी को पंजाब की रूपनगर जेल से उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में स्थानांतरित करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया, उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पंजाब सरकार और रूपनगर जेल प्राधिकरण को निर्देश दिया था कि वह अंसारी को तुरंत जिला जेल बांदा में सौंप दे।
अंसारी उत्तर प्रदेश की मऊ विधानसभा सीट से मौजूदा बहुजन समाज पार्टी के विधायक है, शीर्ष अदालत ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत अंसारी को पंजाब से एक यूपी जेल में स्थानांतरित करने की मांग करते हुए यूपी सरकार की अनुमति दी, अफशां ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से मांगा में अंसारी को बांदा जेल में रहने के दौरान सुरक्षा मुहैया कराई जाए, साथ ही उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में मुकदमे की कार्यवाही के लिए अदालत में पेश किया जाए। एक विशेष विधायक अदालत के सामने कई गंभीर अपराधों पर मुकदमे का सामना कर रहे अंसारी जनवरी 2019 से पंजाब की रूपनगर जेल में बंद थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था और कहा था कि सरकार अंसारी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है|