नई दिल्ली। दिल्ली के मालवीय नगर के एक सरकारी अस्पताल में कथित तौर पर वेंटिलेटर न मिलने के कारण गुरुवार रात एक नवजात बच्चे को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसके चलते दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
बच्चे का जन्म गुरुवार शाम करीब 5 बजे पंडित मदन मोहन मालवीय अस्पताल हुआ था और यहां वेंटिलेटर की कमी के कारण उसे सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। नवजात की मौत के बाद बच्चे के परिजनों ने एक महिला नर्स को बंधक बना लिया।
पंडित मदन मोहन मालवीय अस्पताल के सीएमओ एम.एस. माधव ने संवाददाताओं को बताया कि गुरुवार शाम को अस्पताल में एक बच्चे का जन्म हुआ था जो लगभग 1 किलोग्राम का था और उसे वेंटिलेशन की जरूरत थी। हमने बच्चे को तुरंत सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया क्योंकि हमारे पास वेंटिलेटर नहीं है। इसी बीच उस बच्चे की मौत हो गई। जब हमारे डॉ. आशीष और नर्स अनुराधा वहां पहुंचे तो परिजनों ने डॉ. आशीष की पिटाई कर दी, जिसके कारण वह भाग गए और परिवार ने नर्स को बंधक बना लिया।
उन्होंने आगे कहा कि सफदरजंग अस्पताल ने दावा किया कि उनके पास वेंटिलेटर बेड नहीं था। उन्होंने कहा कि जब सफदरजंग अस्पताल के कर्मचारियों ने बच्चे के परिवार से कहा कि आपको सहमति देनी होगी कि अगर बच्चे को कुछ होता है, तो इसके लिए आप जिम्मेदार होंगे क्योंकि हम बच्चे को सामान्य वार्ड में शिफ्ट करने जा रहे हैं। वे इस पर सहमति देने के लिए तैयार नहीं थे और इस बीच, नवजात ने दम तोड़ दिया।
सीएमओ ने आगे आरोप लगाया कि मरीज के परिजनों ने उनके साथ अस्पताल जाने वाले डॉक्टर से भी हाथापाई की। उन्होंने कहा कि डॉक्टर को भी धमकी दी गई जिसके बाद वह वहां से भाग गए। उन्होंने नर्स को बंधक बना रखा था, लेकिन उसके साथ कोई हाथापाई नहीं की गई थी। हालांकि, वे लगातार उस डॉक्टर को बुलाने की मांग करते रहे, जो नवजात शिशु को यहां लाए थे और जब तक वह नहीं आएंगे, तब तक वह नर्स को नहीं छोड़ेंगे। मौके पर पुलिस के पहुंचने के तीन घंटे बाद नर्स को छोड़ा गया।