दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत एक्शन लेना शुरू कर दिया है। सोमवार को अर्द्धसैनिक बलों की कैंटीनों में बाहर से आयात होने वाले 1,000 उत्पादों को हटा दिया गया ताकि अब कोई भी इसका प्रयोग न कर सके। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि एक जून से अर्द्धसैनिक बलों की कैंटीनों में सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की बिक्री होगी।
इस निर्णय से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के लगभग 10 लाख कर्मियों के 50 लाख परिजन स्वदेशी उपयोग करेंगे। गृहमंत्री अमित शाह ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की मजबूती के लिए अपने बयान में कहा था कि 'मैं देश की जनता से भी अपील करता हूं कि आप देश में बने उत्पादों को अधिक से अधिक उपयोग में लायें व अन्य लोगों को भी इसके प्रति प्रोत्साहित करें।' आगे उन्होंने यह भी कहा था, 'हर भारतीय अगर भारत में बने उत्पादों (स्वदेशी) का उपयोग करने का संकल्प ले तो पांच वर्षों में देश का लोकतंत्र आत्मनिर्भर बन सकता है।'
यही कारण है कि अर्द्धसैनिक बलों की कैंटीन का संचालन करने वाली संस्था केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (केपीकेबी) ने यह फैसला लिया है कि एक जून से इन कैंटीनों केवल स्वदेशी उत्पाद बेचे जाएंगे। इसके तहत स्केचर्स, फरेरो, रेड बुल, विक्टोरिनोक्स, सफिलो सहित उत्पादों का आयात करने वाली सात कंपनियों को डी-लिस्ट किया गया है। केपीकेबी ने उन कंपनियों के कई उत्पादों को भी बंद कर दिया है जिन्होंने उनके द्वारा मांगी गई जानकारी प्रदान नहीं की है। इसके लिए सभी अर्द्धसैनिक बलों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णय का अनुसरण करते हुए केपीकेबी भंडारों में एक जून 2020 से केवल स्वदेशी सामान बेचा जाएगा। निर्णय के कार्यान्वयन की प्रक्रिया में सभी पंजीकृत फर्मों से उत्पादवार जानकारी मांगी गई थी।
इसके तहत केंद्रीय पुलिस कैंटीन सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स में सेवारत लगभग 10 लाख कर्मियों के लगभग 50 लाख परिवार के सदस्यों की जरूरतों का सामान बेचा जाएगा। केपीकेबी ने सभी उत्पादों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है। पहला- विशुद्ध रूप से भारत में निर्मित उत्पाद, दूसरा- कच्चा माल आयातित, लेकिन उत्पाद भारत में निर्मित और तीसरा- विशुद्ध रूप से आयातित उत्पाद। श्रेणी एक और दो के अंतर्गत आने वाले उत्पादों को केपीकेबी भंडार के माध्यम से केपीकेबी इंवेन्ट्री और बिक्री के लिए अनुमति दी जाएगी जबकि श्रेणी तीन के तहत आने वाले उत्पादों को एक जून से बिक्री की अनुमति नहीं होगी।