राष्ट्र सेविका समिति केशव पुरम विभाग ने समिति स्थापना दिवस के अवसर पर निकाला पथ संचलन
राष्ट्र सेविका समिति स्थापना दिवस पर विशेष कार्यक्रम
नईदिल्ली। वीर हमेशा निर्बल की रक्षा व धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाता है। धर्म की रक्षा व आतंक के नाश के लिए शास्त्रों में शस्त्र उठाना उचित व तर्क संगत है। यह विचार राष्ट्र सेविका समिति स्थापना दिवस के अवसर पर केशव पुरम विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली प्रांत बौद्धिक प्रमुख सरिता आनंद ने कहे। राष्ट्र सेविका समिति के लिए विजयदशमी स्थापना दिवस का विशेष महत्व है । सन् 1936 से स्थापित राष्ट्र सेविका समिति विगत 8 दशकों से भी अधिक समय से महिलाओं के बौद्धिक, आध्यात्मिक, मानसिक ,शारीरिक विकास के लिए कार्यरत है ।उन्होंने कहा कि मां दुर्गा ने असुरों पर विजय प्राप्त करने के लिए शस्त्र उठाएं ।भगवान राम ने भी रावण जैसे ज्ञानी लेकिन अधर्म के रास्ते पर चलने वाले राजा के विरुद्ध शस्त्र उठाएं। शस्त्र कमजोर या निर्बल पर नहीं उठाने चाहिए। शस्त्र निर्बल की रक्षा के लिए उठे तभी शास्त्र अनुसार होंगे। शास्त्र यही समझता है कि हम अपनी सनातन संस्कृति को जाने और समझें ।विजयदशमी के पावन अवसर से आरंभ होकर पथ संचलन और स्थापना दिवस कार्यक्रम पूरी दिल्ली के अलग-अलग आठों विभागों में मनाया जा रहा है। हर विभाग से सेविकाओं ने जुड़कर इस कार्यक्रम को सफल बनाया है। महिलाओं के उत्थान के लिए 88 वर्षों से निरंतर कार्यरत राष्ट्र सेविका समिति तेजस्वी हिंदू राष्ट्र के पुनर्निर्माण का ध्येय लेकर बढ़ रही है। महिलाओं और समाज के हर एक बिंदु का विकास हो यही संगठन (शाखा, कार्यकर्ता निर्माण) वर्ग के प्रशिक्षण के माध्यम से दिया जाता है।
मुख्य अतिथि डॉक्टर तरु गुप्ता (प्रोफेसर एवं प्रमुख प्रसूति एवं स्त्री रोग) ने इस विशेष अवसर पर कहां कि हमारे परिवारों और समाज में भारतीय वीरांगनाओं के जीवन चरित्र का संदेश पहुंचे तथा हमारी बेटियां और बहनें जड़ों अर्थात अपनी संस्कृति से जुड़ी हों लेकिन उन्हें स्वतंत्र आकाश मिले ताकि वे भी अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें। समाज में आजादी और सुरक्षा का भाव हो जिससे हमारे परिवार की बेटियां समाज में आगे बढ़कर कार्य करें और सफलता प्राप्त कर सकें। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षा सावित्री चावला (सेवानिवृत्ति प्रधानाचार्य) ने कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अनुशासित 300 बहनें इस कार्यक्रम में शामिल हैं लेकिन कहीं भी अव्यवस्था नहीं है, कोई शोर नहीं है। सभी ध्येय केंद्रित होकर कार्य कर रही हैं। यह सच में समाज के लिए एक आदर्श है।
केशव पुरम विभाग कार्यवाहिका रजनी मेहता ने बताया कि लगभग 300 बहनें कार्यक्रम में शामिल हुई हैं और राष्ट्र सेविका समिति स्थापना दिवस कार्यक्रम में 12 वर्ष से 72 वर्ष तक की बहनें शामिल हुईं और 3 किलोमीटर के पथ संचलन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अनुशासित होकर जब ये बहनें पंजाबी बाग नगर की सड़कों पर चल रहीं थीं तो देखने वाले लोगों के लिए यह आश्चर्य की बात थी कि 300 अनुशासित बहनें किस तरह चुपचाप ध्येय निष्ठ होकर इस कार्यक्रम का हिस्सा बनीं।
इस कार्यक्रम में राष्ट्र सेविका समिति प्रांत सह कार्यवाहिका प्रतिभा बिष्ट, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य व विभाग सदस्य शामिल रहे। विजयदशमी स्थापना दिवस के विशेष अवसर पर राष्ट्र सेविका समिति के आठों विभागों ने क्रमशः विजयदशमी के दिन से लगातार दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों व विभागों में शस्त्र शस्त्र पूजन कर पथ संचलन निकाला है।आज देशभर में लगभग 3 लाख समिति की सेविकाएं राष्ट्रभाव लिए समिति कार्य के लिए कृत संकल्पित हैं।भारत के 2380 शहरों ,कस्बों और गांवों में समिति की 3000 शाखाएं चल रही हैं। समिति के 1000 सेवा प्रकल्प चल रहे हैं। दुनिया के 16 देशों में समिति की सशक्त उपस्थिति दर्ज हो चुकी है।
सेविका समिति सामाजिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक धरातल पर 1936 से काम कर रही है ।शाखाओं के माध्यम से समिति की सेविकाएं (सदस्या) समाज और देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अगर हम देखें तो देश में राष्ट्रीयता व एकता के भाव के प्रचार प्रसार में राष्ट्र सेविका समिति की सेविकाएं एकजुट होकर कार्य कर रही हैं।