सुप्रीम कोर्ट: अदालत ने मणिपुर सरकार से मांगी अतिक्रमण और लूटी गई संपत्ति की डीटेल
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से जली हुई, आंशिक रूप से जली हुई, लूटी गई, अतिक्रमण की गई और अतिक्रमण की गई संपत्तियों या घरों के बारे में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, इसमें मालिक का नाम और पता तथा वर्तमान में उस पर कौन काबिज है, इसका विवरण भी मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की रिपोर्ट में यह भी बताया जाना चाहिए कि अतिक्रमण करने वाले लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं।
न्यायमूर्ति गीता मित्तल समिति के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता विभा मखीजा ने कहा कि, हमें एक साल पहले नियुक्त किया गया था और 34 समिति रिपोर्ट दाखिल की गई हैं और सराहनीय पुनर्वास उपाय किए गए हैं...लोगों में कौशल का निर्माण किया गया है...लेकिन कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा कि, आदर्श रूप से पहले अवसर के रूप में हमें प्रशासन से इस पर विचार करने के लिए कहना चाहिए।
एसजी तुषार मेहता ने कहा कि, हर शिकायत समिति के समक्ष आ सकती है.. और यह भी कि कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां हम धीमी गति से काम कर रहे हैं क्योंकि स्थिति संवेदनशील है।
अदालत ने आदेश में कहा है कि, "जनवरी के सप्ताह में मामले को फिर से सूचीबद्ध करें। समिति को सुधारात्मक कदम उठाने के लिए गृह मंत्रालय से बातचीत करने दें। हम राज्य सरकार से लूटी गई, अतिक्रमण की गई, अतिक्रमण की गई संपत्तियों का डेटा दाखिल करने के लिए कहते हैं। सभी मामलों में मालिक का पता और इस समय कौन उस पर कब्जा कर रहा है, इस बारे में विवरण दिया जाना चाहिए। सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि अतिक्रमण करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। आंकड़े सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत किए जाएं।"