नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से जुड़े विधेयक कृषि कानून निरसन अधिनियम, 2021 को संसद की मंजूरी मिल गई। विधेयक के कारण और लक्ष्य में कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के एक समूह को सरकार इन विधेयकों के खिलाफ आंदोलनरत था जिसे सरकार ने समझाने का प्रयास किया। आखिरकार आजादी के अमृत महोत्सव पर समय की आवश्यकता थी कि समावेशी विकास के साथ सबको साथ लिया जाए। ऐसे में नए कानूनों को सरकार ने वापिस लिया।
पारित विधेयेक के अनुसार नए विधेयक से किसान (अधिकारिता और संरक्षण) समझौता विधेयक के तहत मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020, किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 इसके द्वारा निरस्त किए जाते हैं। साथ ही आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3 में, उप-धारा (1ए) को हटाया जाएगा।
खूबियों को समझाने की बहुत कोशिश की -
विधेयक के लक्ष्य और कारणों में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि भले ही केवल किसानों का एक समूह इन कानूनों का विरोध कर रहा हो, सरकार ने कई बैठकों और अन्य मंचों के माध्यम से किसानों को कृषि कानूनों के महत्व के बारे में जागरूक करने और उनकी खूबियों को समझाने की बहुत कोशिश की है। किसानों के लिए उपलब्ध मौजूदा तंत्र को छीने बिना, उनकी उपज के व्यापार के लिए नए रास्ते उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा, किसान अपनी पसंद के रास्ते चुनने के लिए स्वतंत्र थे, जहां वे बिना किसी मजबूरी के अपनी उपज के अधिक मूल्य प्राप्त कर सकते थे। हालाँकि, भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उपरोक्त कृषि कानूनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। कोरोना काल के दौरान, किसानों ने उत्पादन बढ़ाने और देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है। जैसा कि हम स्वतंत्रता के 75वें वर्ष- 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाते हैं, सभी को समावेशी विकास के पथ पर एक साथ ले जाना समय की आवश्यकता है। इन सबको देखते हुए उपरोक्त कृषि कानूनों को निरस्त करने का प्रस्ताव है।
कृषि बाजारों तक पहुंच प्रदान की गई -
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के हित में कृषि कानून लाए जाने की वर्षों से देश भर के किसानों, कृषि विशेषज्ञों, कृषि अर्थशास्त्रियों और किसान संगठनों द्वारा लगातार की जा रही थी। इन कानूनों में किसानों को अपनी उपज को उच्च कीमतों पर बेचने और तकनीकी सुधारों से लाभ उठाने में सक्षम बनाने के लिए, किसानों को कृषि बाजारों तक पहुंच प्रदान की गई है जिससे उन्हें अपनी आय बढ़ाने में मदद मिलती।