होली राष्ट्रपति भवन से लेकर पीएम हाउस की: जब राजेन्द्र बाबू और डॉ. कलाम खेलते थे होली...

Update: 2025-03-13 14:02 GMT

विवेक शुक्ला: भारत के पहले राष्ट्रपति बनते ही डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने राष्ट्रपति भवन के कर्मियों के साथ होली खेलना शुरू कर दिया था। वे राष्ट्रपति भवन में होली साधारण तरीके से मनाते थे। वे आगंतुकों और कर्मचारियों के साथ सूखे रंगों से होली खेलते थे। होली वाले दिन, राष्ट्रपति भवन के कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य भी समारोह में भाग लेते थे। इस अवसर पर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की पत्नी श्रीमती राजवंशी देवी प्रसाद अतिथियों के साथ भोजन करती थीं। उन्हें सब मां जी कहते थे।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की पहल पर ही राष्ट्रपति भवन परिसर के भीतर मंदिर और मस्जिद दोनों ही का निर्माण हुआ था। चूंकि राष्ट्रपति भवन से सटे ही हैं चर्च और गुरुद्वारा इसलिए इनके निर्माण की जरूरत महसूस नहीं की गई होगी। राजेन्द्र बाबू और उनकी पत्नी श्रीमती राजवंशी देवी प्रसाद होली के अलावा दिवाली, ईद, क्रिसमस, बाबा नानक जन्म दिन आदि त्यौहार पूरे राष्ट्रपति भवन के सैकड़ों कर्मचारियों के साथ मनाते थे। 

अगर राजेन्द्र बाबू उन आयोजनों में व्यस्ततावश कुछ देर तक रूकने के बाद चले जाते थे तो भी उनकी अति सरल पत्नी सारे कार्यक्रम में पूरे समय उपस्थित रहती थी। आप अब भी राष्ट्रपति भवन में रहे पुराने लोगों से पूछे सकते हैं कि राजेन्द्र बाबू रमजान के दौरान खत्म शरीफ के मौके पर राष्ट्रपति भवन की मस्जिद में अवश्य ही जाते थे। रमजान में सभी मस्जिदों में कुरआन सुनाया जाता है।

बच्चों को लगाते गुलाल

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने राष्ट्रपति भवन में होली मनाने की जिस परंपरा को शुरू किया था, उसे उनके उत्तराधिकारियों ने भी जारी रखा। डॉ. शंकर दयाल शर्मा 1992 से 1997 तक भारत के नवें राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन में रहे। वे होली वाले दिन अपने निजी स्टाफ के साथ कुछ वक्त जरूर बिताया करते थे। उसके बाद वे राष्ट्रपति के अंदर चलने वाले स्कूली बच्चों के साथ गुलाल के साथ होली खेलते।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के 2002 सेै 2007 तक राष्ट्रपति रहे। उस दौरान वे स्कूली बच्चों के साथ होली मनाया करते थे। उनका होली मिलन अमृत उद्यान में आयोजित होता था। डॉ. कलाम का होली मनाने का तरीका भी सादगीपूर्ण था, लेकिन इसमें लोगों से जुड़ने और खुशियाँ बाँटने पर अधिक ध्यान दिया जाता था। वे बच्चों और युवाओं के साथ होली खेलने में विशेष रुचि रखते थे।वे राष्ट्रपति भवन के कर्मचारियों और उनके परिवारों के साथ भी होली मनाते थे। राष्ट्रपति भवन में होली खेलने की परंपरा जारी है।

पिछले साल राष्ट्रपति द्रौपदी मु्र्मू ने दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के बच्चों के साथ होली खेली थी। उन्होंने बच्चों को गुलाल लगाया और फिर उपहार भी दिए।

इंदिरा गांधी के होली मिलन 

इस बीच, एक दौर में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सरकारी आवास में आयोजित होने वाले होली मिलन का भी विशेष महत्व रहता था। उसमें इंदिरा गांधी मेहमानों को गुझिया खिलवाती थीं। सारा होली मिलन काफी शालीन अँदाज में होता था। होली पर इंदिरा गांधी के सरकारी आवास 1, सफदरजंग रोड के गेट भी सबके लिए खुल जाते थे। इंदिरा गांधी मेहमानों को स्वादिष्ट मिठाइयां खिलवाती थीं। 

पर 1980 के बाद इंदिरा जी के होली मिलन पहले की तरह भव्य नहीं रहे गए थे सुरक्षा कारणों के चलते। तब तक पंजाब में आतंकवाद ने अपनी ज़ड़े जमा ली थीं। इंदिरा जी के होली मिलन की व्यवस्था उनके सचिव आर.के.धवन देखते थे। धवन साहब से पहले इंदिरा जी के होली मिलन हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन की देखरेख में आयोजित होते थे।

 होली मिलन अटल जी का

अटल बिहारी वाजेयी के होली मिलन यादगार होते थे। उनके 111 साउथ एवेन्यू, 6 रायसीना रोड, फिर लोक कल्याणा मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास के होली मिलन समारोह में अटल जी खुद सब अतिथियों को गुलाल लगाया करते थे। उनमें देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी भाग लेते थे। वे तब भाजपा के संगठन से जुड़े हुए थे। 

इस अवसर पर लजीज मिष्ठान और स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था रहती थी। होली मिलन की सारी व्यवस्था उनके परम मित्र शिव कुमार किया करते थे। वे अटल जी के घर का स्थायी चेहरा थे। अटल जी के होली मिलन समारोहों के आयोजन में शामिल होने वालों को चांदनी चौक के घंटे वाले या गोल मार्केट के बंगला स्वीट हाउस की बालूशाही अवश्य उपलब्ध रहती थी।

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