दिल्ली। दिल्ली में हर रोज हजार की तादाद में कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं। इतना ही नहीं दिल्ली मे स्वास्थ्य सेवाओं के भी हालात ठीक नहीं है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जमकर लताड़ लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चेन्नई और मुंबई की तुलना में दिल्ली में जांच क्यों कम की जा रही है।
कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनके शव के रखरखाव के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि दिल्ली में और उनके अस्पतालों में बहुत बुरा हाल है। होम मिनिस्ट्री की गाइडलाइंस का अनुपालन नहीं हो रहा है। अस्पताल डेड बॉडी का सही तरह से रखरखाव और निपटारा नहीं कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यहां तक कि कोरोना मरीज की मौत के बाद उनके परिजनों को इस बारे में सूचना देने की भी जहमत नहीं उठाई जा रही है। कई ऐसे मामले दिखे हैं जिनमें परिजन अपनों की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हो पाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने एलएनजेपी अस्पताल की स्थिति को गंभीरता से लिया है और उसे भी जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तामिलनाडु को भी नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में इन राज्यों के चीफ सेक्रेटरी से कहा है कि वह मरीजों के मैनेजमेंट के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। अगली सुनवाई बुधवार को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनके डेड बॉडी के रखरखाव के बारे में चिंता जाहिर करते हुए मामले में स्वयं संज्ञान लिया था।