भोपाल | उपच्छायी (मान्द्य) चन्द्र ग्रहण- वैशाख शुक्ल पूर्णिमा, शुक्रवार 5 मई 2023 को रात्रि 8:45 से रात्रि 1:02 तक रहेगा (भारत में दृश्य परन्तु यह एक उपछायी ग्रहण है। अतः इस ग्रहण का वेद्य, सूतक, स्नान, दान, पुण्य यम-नियम मान्य नही होगें ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस चन्द्र ग्रहण की उपच्छाया का परिमाण 0.95 होगा। क्योंकि यह एक उपच्छाया ग्रहण है इसीलिये हिन्दुओं द्वारा किये जाने वाले किसी भी धार्मिक संस्कार के लिये यह ग्रहण मान्य नहीं होगा। ग्रहण देखने वालो के लिये भी यह बहुत महत्वपूर्ण नहीं होगा क्योंकि चन्द्र ग्रहण शायद ही नग्न आँखों के माध्यम से दिखाई देगा। यह उपच्छाया ग्रहण पूर्ण नहीं होगा क्योंकि अधिकतम ग्रहण के दौरान पृथ्वी की उपच्छाया केवल 95% चन्द्रमा को ढकेगी।
यह उपच्छाया ग्रहण मुख्यतः एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर, अटलान्टिक महासागर एवं अन्टार्कटिका से दिखाई देगा।
यह ग्रहण उत्तर अमरीका एवं दक्षिण अमेरिका महाद्वीप से दर्शनीय नहीं होगा।
हालाँकि, उपच्छाया ग्रहण भारत, पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस और सिंगापुर में दिखाई देगा लेकिन चन्द्र ग्रहण के दौरान की जाने वाली कोई भी धार्मिक गतिविधियाँ मान्य नहीं होगी।
उपच्छाया ग्रहण क्या होता है
ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि वास्तव में चन्द्रग्रहण नहीं होता। प्रत्येक चन्द्रग्रहण के घटित होने से पहिले चन्द्रमा पृथ्वी की उपच्छाया में अवश्य प्रवेश करता है, जिसे चन्द्र-मालिन्य कहा जाता है। उसके बाद ही वह पृथ्वी की वास्तविक छाया [दूसरे शब्दों में भूभा में प्रवेश करता है। तभी उसे वास्तविक ग्रहण कहा जाता है। भूभा में चन्द्रमा के संक्रमण काल को चन्द्रग्रहण कहा जाता है। पूर्णिमा को चन्द्रमा उपच्छाया में प्रवेश कर, उपच्छाया शंक से ही बाहर निकल जाता है। इस उपच्छाया के समय चन्द्रमा का बिम्ब केवल धुन्धला पडता है, काला नहीं होता तथा इस धुंधलेपन को साधारण नंगी आँख से देख पाना सम्भव नहीं होता। ध्यान दें यह ग्रहण धार्मिक दृष्टिकोण से मान्य नही है इसका सूतक नही लगेगा ना ही इसके लिये किसी भी प्रकार का यम नियम करना आवश्यक है। यह ग्रहण किसी भी राशि को शुभ अशुभ रूप से प्रभावित नही करेगा।
चंद्र दोष से मुक्ति पाने के लिए मंत्र : कुंडली में चंद्र दोष होने से जातकों को मानसिक और शारीरिक जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्र देव के मंत्रों का जाप करना से आपको लाभ मिल सकता है।
ये रहे मंत्र:-
- ॐ श्रां श्रीं श्रौं चन्द्रमसे नम:
- ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नम:।
- ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।
- ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:
- दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
- नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।