भोपाल। इस बार चैत्र नवरात्रि विशेष योगों में मनाई जाएगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार आगामी छह अप्रैल से चैत्र शुक्ल पत्र प्रतिपदा को नवरात्रि शुरू हो रही है, जो कि आगामी 14 अप्रैल तक चलेगी। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस दौरान पांच बार सर्वार्थसिद्धि, दो बार रवि और एक बार रवि पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। यह संयोग साधना-सिद्दधि के साथ सुख-समृद्धि दायक माना जाता है।
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी ने बताया कि इस साल चैत्र नवरात्रि आगामी छह अप्रैल, दिन शनिवार को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर 14 अप्रैल को महानवमी तक चलेगी। इस दौरान देवी की आराधना का विशेष फलदायक रहेगी। उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के दौरान पांच बार सर्वार्थसिद्धि, दो बार रवि और एक रवि पुष्य नक्षत्र योग बन रहा है। ऐसे योगों में देवी की साधना का विशेष फल प्राप्त होता है।
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार, छह अप्रैल, शनिवार को चैत्र नवरात्रि शुरू होगी, अगले दिन रविवार, सात अप्रैल को द्तिीया तिथि पर सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा, जबकि आठ अप्रैल, सोमवार को तृतीया तिथि रवियोग बन रहा है। इसे गणगौर तीज के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, नौ व दस अप्रैल (मंगलवार-बुधवार) को चतुर्थी-पंचमी तिथियां सर्वार्थसिद्धि योग लेकर आ रही हैं, जबकि 11 अप्रैल, गुरुवार को षष्ठी तिथि पर रवियोग तथा 12 अप्रैल, शुक्रवार को सप्तमी तिथि पर सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल, शनिवार को महाअष्टमी रहेगी, जो बिना योगों के ही देवी मां की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ तिथि है। वहीं, 14 अप्रैल, रविवार को महानवमी पर रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग साथ बनेंगे। इस महायोगों के चलते इस बार चैत्र नवरात्रि श्रद्धालुओं के लिए खास होगी।
मध्यप्रदेश में चैत्र नवरात्रि की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। विभिन्न उत्सव समितियां नवरात्रि को लेकर व्यापक व्यवस्थाएं करने में जुट गई हैं, तो वहीं प्रशासन भी शांति समिति की बैठक आयोजित कर आगामी त्यौहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाने की बात कह रहा है। इस बार लोकसभा चुनावों के चलते त्यौहारों के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन न हो, इस पर भी शासन-प्रशासन का विशेष जोर रहेगा।