माघ पूर्णिमा 2025: महाकुंभ का पांचवे स्नान में बन रहा बेहद शुभ संयोग, जानें मुहूर्त
माघ पूर्णिमा 2025: माघ पूर्णिमा को माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।;
माघ पूर्णिमा 2025: माघ पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक पवित्र तिथि मानी जाती है, जो माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को आती है। इस वर्ष, महाकुंभ का पांचवां स्नान भी इसी दिन यानी 12 फरवरी 2025 को होगा, जिससे यह दिन और अधिक विशेष बन गया है। इस बार 144 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब माघ पूर्णिमा और महाकुंभ का स्नान एक ही दिन हो रहा है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन संगम में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माघ पूर्णिमा और शाही स्नान का महत्व
महाकुंभ में माघ पूर्णिमा के दिन स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में आस्था की डुबकी लगाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता स्वयं गंगा स्नान के लिए धरती पर आते हैं और त्रिवेणी संगम में तप और जप करते हैं। इसी कारण, लाखों श्रद्धालु इस अवसर पर स्नान और दान-पुण्य करने के लिए प्रयागराज महाकुंभ में जुटते हैं। माघ पूर्णिमा के दिन सौभाग्य योग, शोभन योग, शिववास योग, गजकेसरी योग और त्रिग्रही योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिषीय दृष्टि से ये सभी योग इस दिन के महत्व को और बढ़ाते हैं।
माघ पूर्णिमा 2025 का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा की तिथि 11 फरवरी 2025 को शाम 6:55 बजे से शुरू होकर 12 फरवरी को शाम 5:22 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, माघ पूर्णिमा 12 फरवरी को मनाई जाएगी। स्नान का सबसे उत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त में बताया गया है, जो सुबह 5:19 बजे से 6:10 बजे तक रहेगा। इस अवधि में संगम स्नान करना सबसे पुण्यदायी माना जाता है।
महाकुंभ में अमृत स्नान तब माना जाता है जब सूर्य मकर राशि में और गुरु वृषभ राशि में होते हैं। इस बार माघ पूर्णिमा के दिन गुरु वृषभ राशि में होंगे, लेकिन सूर्य कुंभ राशि में चले जाएंगे। इसी कारण, माघ पूर्णिमा का स्नान अमृत स्नान की श्रेणी में नहीं आएगा। हालांकि, इस दिन किया गया स्नान और दान-पुण्य अपार फल देने वाला रहेगा।