Holi 2025: मध्य प्रदेश के इन दो गांवों में नहीं मनाई जाती होली, रहस्यमय घटना है इसकी वजह

मध्य प्रदेश के कुछ गांव ऐसे हैं जहां गुरुवार रात होली नहीं जलाई गई। आइए जानते हैं कौन से वो गांव हैं और होली न मनाने का कारण क्या है?;

Update: 2025-03-14 03:27 GMT

देशभर में होली का उत्सव चरम पर है जगह-जगह लोग होलिका दहन और होली (फगुआ) को बड़े हर्ष उल्लास के साथ मना रहे हैं। बीती रात होलिका दहन का पर्व मनाया गया और अब आज 14 मार्च को सभी रंग गुलाल के साथ होली खेल रहे हैं। मध्य प्रदेश के कुछ गांव ऐसे हैं जहां गुरुवार रात होली नहीं जलाई गई। आइए जानते हैं कौन से वो गांव हैं और होली न मनाने का कारण क्या है?

सागर जिले के इस गांव में नहीं जली होली

सागर जिले के देवरिकला के हथखोय गांव में होली जलाने की परंपरा नहीं है। दरअसल, आदिवासी जनजातीय बहुल इस गांव में कुछ साल पहले होली जलाने का प्रयास किया था लेकिन जैसे ही इसकी तैयारी की गई पूरी गांव में आग लग गई।

कुलदेवी झारखंडन माता ने दिया था दर्शन

आग लगने के बाद ग्रामीण कुलदेवी झारखंडन माता के मंदिर पहुंचे और पूजा पाठ की तब जाकर आग बुझी। कहते हैं कि रात में गांव के लोगों को मां ने दर्शन दिया और कहा कि जब इस गांव में मैं स्वयं विराजमान हूं तो होली जलाने की क्या आवश्यकता है। उसके बाद होली जलाने की परंपरा खत्म हो गई। 

नीमच जिले इस गांव में नहीं मनाई जाती होली

नीमच जिले के सिंगोली तहसील के गांव धनगाव में भी होली नहीं जलाई गईं। मान्यता है कि सालों पहले यहां होली जलाने के लिए एक डंडा खड़ा किया गया था। तब बाहर से भाई बहन आए थे जिसके कारण दो पक्षों में विवाद हो गया था। और विवाद में रंगों के त्यौहार के दिन खून की नदियां बह गई। इसी लड़ाई में शुभ मुहूर्त भी निकल गया। 

ये हुआ था चमत्कार

कहते हैं जो सूखा डंडा खड़ा किया गया था उसमें अचानक से हरी पत्तिया भी निकल आई। इसके बाद ग्रामीणों ने होली को नहीं जलाने का निर्णय लिया। तब से लेकर आज तक इस गांव में होली नहीं जलाई जाती बल्कि उसी चमत्कारी पेड़ की पूजा की जाती है।

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