MP NEWS: उपर नहीं है आसमान, ना ही पीने का शुद्ध पानी, पेड़ के नीचे चल रहा है प्राथमिक विद्यालय,11 साल से प्रशासन की नहीं गई नजर

विद्यालय के पास न तो भवन है और न ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था। जिला प्रशासन इन समस्याओं पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता। 11 साल पहले बने इस विद्यालय को किराए के भवन में चलाया जा रहा है।

Update: 2024-06-27 12:41 GMT

MP NEWS: ऊंचेहरा। मध्य प्रदेश के सतना के ऊंचेहरा के खोखर्रा गांव के मुगहनी कलां प्राथमिक विद्यालय के छात्र खुले में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। विद्यालय के पास न तो भवन है और न ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था। जिला प्रशासन इन समस्याओं पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता। 11 साल पहले बने इस विद्यालय को किराए के भवन में चलाया जा रहा है, ऐसे में छात्रों को शौचालय, पीने का पानी, कुर्सी और मेज जैसी कोई भी बुनियादी सुविधा नहीं दी जा रही है।

विद्यालय को बने हुए दो दशक बीत चुके हैं, लेकिन छात्र पीने के पानी से वंचित हैं। न ही मिड-डे मील बनाने के लिए रसोई है। विद्यालय में शौचालय न होने के कारण छात्र खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। शिक्षकों को भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों ने बताया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों को समस्याओं से अवगत कराया गया है, लेकिन उन्होंने भवन बनवाने की जहमत नहीं उठाई।

शिक्षक उमाशंकर शर्मा के अनुसार स्कूल में मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है। एक अन्य शिक्षिका मीना पाठक ने बताया कि शिक्षा विभाग को समस्याओं से अवगत कराया गया था, लेकिन उन्होंने भवन नहीं बनवाया। नतीजतन कक्षाएं पेड़ों के नीचे या आसमान के नीचे लगती हैं। जब यह मामला सरपंच रामभजन प्रजापति के समक्ष रखा गया तो उन्होंने कहा कि इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे आदिवासी गांव से आते हैं। प्रजापति ने बताया कि भवन के बिना विद्यार्थियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जनपद शिक्षा केंद्र के प्रभारी प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि जिन स्कूलों के पास भवन नहीं हैं, उनके बारे में प्रशासन को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में पांच स्कूल ऐसे हैं, जिनके पास भवन नहीं हैं। इस बारे में जिला प्रशासन के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है, लेकिन भवन कब बनेंगे, यह पता नहीं है।

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