अनूठी तकनीक: स्लज मैनेजमेंट प्लांट रोज बचाएगा शहर का 14 लाख लीटर पानी, प्रदेश का इकलौता अनोखा प्लांट पीएचई सतना में…
अमन शुक्ला, सतना (नवस्वदेश): सीवर प्रोजेक्ट के लिए खुदी हुई सड़कों के लिए लोग भले ही स्मार्ट सिटी को कोस रहे हों, लेकिन धीरे-धीरे ही सही स्मार्ट होते शहर की एक सुखद तस्वीर सामने आई है। सतना सिटी पूरे मध्यप्रदेश में स्लज वॉटर मैनेजमेंट के लिए चर्चा का विषय बन गई है।
मध्यप्रदेश में इस अनूठे प्रोजेक्ट के लिए सतना स्मार्ट सिटी को चुना गया था। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत फिल्टर प्लांट में पानी के शुद्धिकरण के बाद बर्बाद हुए वेस्ट वॉटर को दुबारा उपयोग में लाया जा सकेगा। अभी तक वेस्ट वॉटर को सिर्फ सिंचाई व अन्य बाहरी उपयोग के लिए ही शुद्ध किया जा सकता था।
परंतु 18 करोड़ की लागत से बने इस प्लांट की खास बात यह है कि वेस्ट वॉटर को शुद्धिकरण के बाद पीने के लिए भी सप्लाई किया जा सकेगा। जानकारी के अनुसार अभी तक इस तरह का प्लांट सिर्फ गुजरात में लगाया गया है।
रोज बर्बाद होता था 15 लाख लीटर पानी
ननि प्रशासन स्मार्ट सिटी के 18 करोड़ रूपए के फंड से स्लज मैनेजमेेंट सिस्टम तकनीकी अपना कर व्यर्थ पानी को री-यूज करेगा। दरअसल अब तक रॉ वाटर को फिल्टर प्लांट में पानी फिल्टर करने के दौरान रोजाना 15 लाख लीटर पानी बर्बाद होता था, लेकिन इस तकनीकी के पूर्ण होते ही रोजाना 14 लाख लीटर पानी की बचत होगी सिर्फ एक लाख लीटर पानी ही फिल्टर प्रक्रिया में लगेगा।
वेस्ट वॉटर को री-यूज करने का काम स्लज मैनेजमेंट करेगा। यह प्रोजेक्ट भी स्मार्ट सिटी का एक और कारगर कदम कहलाएगा।
5 वर्ष की जिम्मेदारी भी
फिल्टर प्लांट व एनीकेट में वेस्ट वॉटर के दोबारा फिल्टर का काम शुरू हो चुका है। इस कार्य को गुजरात की कृष्णा कांस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है। कंपनी जेडएलडी जीरो लीक्विड डिस्चार्ज प्लांट का कार्य कर रही है। 5 वर्ष तक कंपनी को प्लांट के संचारण संधारण का भी कार्य करना होगा।
बढ़ गई प्लांट की क्षमता
नगर निगम प्रशासन फिलहाल एनीकेट से रॉ-वाटर लेकर पीएचई के फिल्टर प्लांट पानी फिल्टर करता है उसके बाद पेयजल की सप्लाई ओवरहेड टैंक तक दी जाती है, जिसके बाद सप्लाई लाइन के जरिए घरों तक पेयजल पहुंचता है।
लेकिन इस सिस्टम को निगम प्रशासन अब और अपडेट कर रहा है। प्लांट की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। फिल्टर बेड को साफ करने में जेडएलडी प्रोजेक्ट कारगर होगा। यहां पुराने पंप को भी दुरूस्त करने की कवायद की जा रही है।
बिजली आपूर्ति नहीं होगी बाधित
अब तक एनीकेट व फिल्टर प्लांट में अक्सर विद्युत आपूर्ति बाधित होने की समस्या रहती थी जिससे शत-प्रतिशत पेयजल सप्लाई शहर में नहीं हो पाती थी। कभी बिजली की समस्या एनीकेट में तो कभी प्लांट में रहती थी।
अब इस समस्या से भी निजात मिलेगी, इसके लिए निगम प्रशासन ने 810 केवी के दो डीजी लगाए हैं। जिससे पानी फिल्टर होने से लेकर सप्लाई तक में व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा।
इनका कहना है
“यह एक बड़ी कामयाबी होगी कि पानी व्यर्थ नहीं बहेगा। वेस्ट वाटर को री-यूज करने का काम स्लज मैनेजमेंट करेगा। इस पूरे प्रोजेक्ट का 5 वर्ष तक संचालन-संधारण संविदा कंपनी के हवाले रहेगी।” - रोजल प्रताप सिंह, उपयंत्री