1983 विश्व चेम्पियन टीम में गेंदबाज रहे यशपाल शर्मा नहीं रहे
यशपाल शर्मा का हार्ट अटैक से निधन
नईदिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज यशपाल शर्मा का मंगलवार सुबह निधन हो गया। 66 वर्षीय यशपाल शर्मा को हार्ट अटैक आया था।भारत की तरफ से 37 टेस्ट और 42 एकदिवसीय मैच खेलने वाले यशपाल शर्मा 1983 में विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम का अहम हिस्सा भी रहे थे।
पाकिस्तान के खिलाफ किया था एकदिवसीय पदार्पण -
यशपाल ने 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ सियालकोट में भारत के लिए एकदिवसीय पदार्पण किया था। उन्होंने 26 गेंदों पर 11 रन की पारी खेली थी,इस मैच में पाकिस्तान ने भारत को आठ विकेट से हरा दिया था।
पहला टेस्ट इंग्लैंड के खिलाफ 1979 में लार्ड्स में खेला -
यशपाल शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला मैच 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेला था। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने भारत के लिए 37 टेस्ट और 42 एकदिवसीय मैच खेले, जिसमें उन्होंने प्रारूपों में क्रमशः 1606 और 883 रन बनाए।
1983 विश्व कप में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका -
1983 विश्व कप में यशपाल ने भारतीय क्रिकेट टीम को विश्व विजेता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने वेस्टइंडीज,ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ महत्वपूर्ण पारियां खेल कर भारतीय टीम को जीत दिलाई थीं।यशपाल ने वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टीम के पहले मैच में 120 गेंदों पर नौ चौकों की बदौलत 89 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी, उनकी इस पारी की बदौलत में भारत निर्धारित 60 ओवरों में 8 विकेट पर 262 रन बनाए। भारत ने इस मैच में वेस्टइंडीज को 34 रनों से शिकस्त दी।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यशपाल ने 40 गेंदों में 40 रन बनाए, जिसमें एक ही चौका था। मजे की बात है कि उस मैच में यह न सिर्फ भारत की ओर से सर्वाधिक निजी स्कोर था, बल्कि जवाबी पारी में ऑस्ट्रेलिया की ओर से भी इतने रन किसी ने नहीं बनाए, दरअसल, 248 रनों का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम मदन लाल, रोजर बिन्नी (4-4 विकेट) और बलविंदर संधू (2 विकेट) की धारदार गेंदबाजी के आगे 129 रनों पर सिमट गई थी।
इतना ही नहीं, यशपाल ने सेमीफाइनल में मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ भी 61 रनों की बेहतरीन पारी खेली, इस दौरान उन्होंने 2 छक्के और 3 चौके लगाए। भारत ने वह मैच 6 विकेट से जीता और फाइनल में पहुंच गया। उन्होंने फाइनल में 11 रन बनाए। फाइनल में भारत ने वेस्टइंडीज पर ऐतिहासिक जीत दर्ज कर विश्व कप पर कब्जा किया।
1983 विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज -
1983 के विश्व कप में भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में यशपाल कपिल देव (303 रन) के बाद दूसरे नंबर पर थे। यशपाल ने विश्व कप में 240 रन बनाए थे।
कभी शून्य पर आउट नहीं हुए -
यशपाल ने 42 एकदिवसीय (1978-1985) में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 28.48 की औसत से 883 रन बनाए, उनके बल्ले से कोई शतक तो नहीं निकला, लेकिन वह एकदिवसीय क्रिकेट में कभी 'शून्य' पर आउट नहीं हुए।
रिकॉर्ड साझेदारी -
यशपाल ने 1979-1983 के दौरान 37 टेस्ट मैचों में 33.45 की औसत से 1606 रन रन बनाए, जिसमें दो शतक और 9 अर्धशतक शामिल हैं।टेस्ट मैचों में उनका उच्चतम स्कोर 140 रन रहा। उन्होंने 1982 में इंग्लैंड के खिलाफ मद्रास टेस्ट में गुंडप्पा विश्वनाथ के साथ रिकॉर्ड 316 रनों की साझेदारी (तीसरे विकेट के लिए) की थी। विश्वनाथ (222) और यशपाल (140) ने टेस्ट मैच के दूसरे दिन कोई विकेट नहीं गिरने दिया था। दोनों देशों के बीच 29 वर्षों तक किसी भी विकेट के लिए यह सर्वाधिक रनों की भागीदारी रही। 2011 में इयान बेल और केविन पीटरसन ने ओवल में 350 रनों की साझेदारी कर यह रिकॉर्ड तोड़ा था।यशपाल ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 1985 में वेस्टइंडीज के भारत दौरे के दौरान खेला था।