भोपाल: निर्धारित समय से दो माह पिछड़ा भाजपा संगठन चुनाव, जिलाध्यक्षों के बाद फरवरी में शुरू होनी थी प्रक्रिया
विशेष संवाददाता, भोपाल। संगठन पर्व के अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी का संगठन चुनाव जनवरी 2025 तक सम्पन्न होने थे। लेकिन मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित अन्य कुछ राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन अब तक नहीं हो सका है। मप्र के सभी 62 संगठनात्मक जिलों में अध्यक्षों का निर्वाचन 30 जनवरी तक पूरा हो चुका है। 15 फरवरी तक प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन होना था, लेकिन पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव में केंद्रीय नेतृत्व की व्यस्तता और फिर 24-25 फरवरी को भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों के चलते संगठन चुनाव एक बार फिर टल गए थे। प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन को लेकर फिलहाल कोई चर्चा नहीं हो रही है।
उल्लेखनीय है कि मप्र में संगठन चुनाव की प्रक्रिया पिछले वर्ष नवम्बर से शुरू हुई है। नवम्बर में बूथ अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी के चुनाव हुए थे और नवम्बर में ही प्रदेश के सभी 65013 बूथों पर चुनाव सम्पन्न हुए। इसके बाद 1 से 15 दिसम्बर के बीच 1300 मंडलों में चुनाव हुए। हालांकि आयु सीमा सहित अन्य शिकायतों के बाद कुछ मंडलों में परिवर्तन भी हुए। 31 जनवरी को इंदौर शहर एवं ग्रामीण जिलाध्यक्षों के साथ प्रदेश के सभी 62 संगठनात्मक जिलों में अध्यक्षों के निर्वाचन भी हो चुके हैं। तब से लेकर प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की अटकलें चल रही हैं। चुनाव टलने के अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं।
केन्द्रीय नेतृत्व तय करेगा चुनाव की तिथि
मप्र में भाजपा संगठन चुनाव की तिथि को लेकर संगठन चुनाव अधिकारी, सह अधिकारी या प्रदेश नेतृत्व के पास कोई जानकारी नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की तिथि एवं प्रक्रिया केन्द्रीय नेतृत्व ही तय करेगा।
केन्द्रीय मंत्री प्रधान के आने की लगी अटकलें
मप्र में प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए चुनाव अधिकारी नियुक्त किए गए केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के भोपाल पहुंचने की अटकलें विगत डेढ़ महीने में कई बार लगी हैं। माना जा रहा है कि प्रधान जब भी भोपाल पहुंचकर प्रदेश पदाधिकारियों और चुनाव पर्यवेक्षक के साथ बैठकर मंत्रणा करेंगे, उसके बाद ही चुनाव की तिथि घोषित हो पाएगी।