Bhind News: मोतियाबिंद का इलाज कराने के बाद चली गई आंखों की रोशनी, शिकायत से मचा हड़कंप

Update: 2024-12-19 06:12 GMT

मध्यप्रदेश। मोतियाबिंद का इलाज कराने के बाद कई लोगों ने अपने आंखों की रोशनी खो दी। इस बात की जब शिकायत की गई तो प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार ग्वालियर के आई हॉस्पिटल द्वारा भिंड के गोमरी में हेल्थ कैंप लगाया गया था। इसके बाद कुछ लोगों को चिन्हित कर ग्वालियर इलाज के लिए लाया गया। मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 6 लोगों की आंख की रोशनी चली गई।

जानकारी के अनुसार पीड़ितों का इलाज ग्वालियर के थाटी पुरा क्षेत्र में स्थित कालरा हॉस्पिटल में किया गया था। स्वास्थ विभाग से बिना अनुमति लिए गांव में आंखों की जांच के लिए शिविर लगाया गया था। भिंड के चपरा गांव के 6 लोगों को कैंप चिन्हित कर ऑपरेशन के लिए लेकर गए थे। इनमें चिरंजी लाल सखवार, चुन्नी बाई, भागीरथ सखवार, चमेली बाई, राजवीर और भूरी बाई शामिल है। इनका ग्वालियर के अस्पताल में मोतियाबिंद का इलाज किया गया था।

पीड़ितों का कहना है कि, ग्वालियर के कालरा अस्पताल में डॉक्टर रोहित कालरा ने उनका इलाज किया था। जब इलाज के बाद उनकी आंख की पट्टी खोली गई तो उनको दिखाई देना बंद हो गया था। शिकायत करने पर अस्पताल प्रबंधन ने कहा था कि, जल्द ही उन्हें दिखना शुरू हो जाएगा।

इसके बाद ग्रामीणों को अस्पताल से लाकर गांव छोड़ दिया गया। एक पीड़ित का आरोप है कि, दाई आंख में दिक्कत थी लेकिन बाईं आंख का इलाज कर दिया गया। अब उन्हें पूरी तरह दिखना बंद हो गया है। पीड़ितों से अयुष्मान कार्ड लेकर उनसे कोरे कागज में हस्ताक्षर कराए गए थे यह जानकारी भी पीड़ितों द्वारा दी गई है।

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