नई दिल्ली। बीएसएफ ने मानव तस्करों की मदद से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले सात बांग्लादेशियों को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले से पकड़ा है। बीएसएफ ने बुधवार को ये जानकारी दी।
बीएसएफ ने कहा कि, गजना के ग्रामीणों की खास सूचना पर कार्रवाई करते हुए नदिया में महेंद्र इलाके में बॉर्डर आउटपोस्ट पर तैनात बीएसएफ की आठवीं बटालियन के कर्मियों ने बांग्लादेशियों को पकड़ा। इनमें दो महिलाएं और एक तीन वर्षीय बच्चा भी शामिल था। यह दिन में करीब 11.30 बजे गजना-तारकपुर रोड पर वाहन की प्रतीक्षा कर रहे थे, तभी बीएसएफ के जवानों ने उन्हें पकड़ लिया।
जब बीएसएफ ने उन्हें अपनी पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा, तो वे कोई भी वैध भारतीय पहचान पत्र या दस्तावेज नहीं दिखा सके, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया। प्रारंभिक पूछताछ पर उन्होंने खुलासा किया कि वे मंगलवार रात को बिना बाड़े वाले पैच से भारत में चले आए।
उनकी पहचान सकील शेख (30), मो. रहीम(23), सूमी अक्तर (22), पारुल अक्तर (26), कोली बेगम (24), चंपा बेगम (26) और तीन वर्षीय यासीन सेख के तौर पर हुई है, उनके पास से कुल 2,106 बांग्लादेशी टाका बरामद किया गया है।
पूछताछ के दौरान, बीएसएफ अधिकारियों ने पाया कि दो महिलाएं हैदराबाद जा रही थीं और बाकी मजदूरी के काम के लिए चेन्नई जा रहे थे।
यह भी पता चला कि हैदराबाद जाने वाली महिलाएं पहले से ही सिकंदराबाद बस स्टैंड के पास एक घर में दाई के रूप में काम करती थीं, और चेन्नई जाने वाले व्यक्ति इलियास नाम के व्यक्ति से मिलने वाले थे, जिसने उनके लिए श्रम कार्य की व्यवस्था की थी। बांग्लादेश से उन्हें भारत में भेजने वाले मुख्य व्यक्तियों की पहचान कालिक और किताब अली शिकदार के रूप में की गई ।
उनके बोडिर्ंग और लॉज के लिए पैसे का इंतजाम सिकंदराबाद के वारंगल और चेन्नई के इलियास द्वारा किया गया था, और सौकत अली मंडल की पत्नी जहांनारा बीबी मंडल के खाते में स्थानांतरित कर दिया गया था।बीएसएफ ने कहा कि लेनदेन के विवरण के लिए बैंक अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है। सभी सातों को पश्चिम बंगाल पुलिस के हवाले कर दिया गया है।