मुंबई। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने गुरुवार को कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार किसी भी जांच के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर जो आरोप लगाए हैं, उसकी जांच कराने की मांग खुद अनिल देशमुख ने की है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इन आरोपों की जांच के संबंध में जल्द निर्णय लेंगे और यह महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों को मान्य होगा।
अजीत पवार ने पत्रकारों से कहा कि रश्मि शुक्ला ने पुलिस अधिकारियों के तबादले में भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाए हैं, वह तथ्यहीन है। रश्मि शुक्ला का पत्र मुख्यमंत्री ने बुधवार को मुख्य सचिव सीताराम कुंठे को सौंप दिया और आज शाम तक सीताराम कुंठे इस संबंध में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देंगे। पवार ने कहा कि रश्मि शुक्ला ने जिस अवधि में फोन टेपिंग की थी, उस समय सीताराम कुंठे गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव थे। उन्हें खुद पता है कि रश्मि शुक्ला ने उनकी अनुमति मांगी थी अथवा नहीं।
उप मुख्यमंत्री पवार ने स्पष्ट किया कि देश पर आतंकी खतरा होने, राजद्रोह, देश की सुरक्षा को खतरा होने की स्थिति में ही किसी के फोन को टेप करने की अनुमति अतिरिक्त मुख्य सचिव से मांगी जाती है। इसी तरह परमबीर सिंह ने भी जो गृहमंत्री पर आरोप लगाया है, उसकी भी जांच करवाई जाएगी। इन दोनों अधिकारियों ने तबादला होने के बाद इस तरह के आरोप लगाए हैं। इसलिए इस एंगल की भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था एकदम ठीक है। पुलिस विभाग के कुछ लोगों की गलती से कानून व्यवस्था खराब होने का सवाल ही नहीं उठता है। पुलिस विभाग में अनुचित गतिविधियों में लिप्त लोगों की कठोरता से जांच की जाएगी और उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य में बढ़ रहे कोरोना के मामले पर पवार ने कहा कि इस संबंध में बुधवार को मंत्रियों के समूह ने चर्चा की है। सभी लोगों का कोरोना की वजह से लॉकडाउन को लेकर अलग-अलग विचार हैं, लेकिन सभी लोग कोरोना नियमावली का कठोरता से पालन किए जाने के पक्ष में हैं। इसलिए कोरोना नियंत्रण के लिए सभी जिलों में कोरोना नियमावली का कठोरता से पालन करने का निर्देश दिया गया है।