रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे उत्तराखंड, वीरचंद्र सिंह की प्रतिमा का किया अनावरण

सरकार का दृढ़ इरादा, बातें कम काम ज्यादा

Update: 2021-10-01 07:54 GMT

देहरादून। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की पुण्यतिथि के अवसर पर पीठसैंण, पौड़ी गढ़वाल में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम में दीनदयाल उपाध्याय योजना के लाभार्थियों को चेक और 'घस्यारी कल्याण योजना' के लाभार्थियों को किट वितरित किए गए। इस दौरान रक्षा मंत्री ने उत्तराखंड को देवभूमि के साथ वीरभूमि और तपोभूमि भी बताया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट भी मौजूद रहे। 


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे एक प्रखर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली कर्म और धर्म दोनों से सैनिक थे। इसी के साथ रक्षा मंत्री ने उत्तराखंड की धरती को देवभूमि, वीरभूमि और तपोभूमि भी बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य का गठन हुए बीस वर्ष ही हुए हैं, लेकिन यहां का इतिहास और परम्परायें सदियों पुरानी हैं। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, माधो सिंह भण्डारी और तीलू रोतेली की बहादुरी के गीत गढ़वाल के गांव-गांव में गाए जाते हैं।

सरकार का दृढ़ इरादा, बातें कम काम ज्यादा -


रक्षा मंत्री ने प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी की तारीफ करते हुए कहा कि किसी भी देश या राज्य की नियति का फैसला सरकार की नियत से तय होता है, इसलिए मुख्यमंत्री ने बिल्कुल सही नारा दिया है कि सरकार का दृढ़ इरादा, बातें कम काम ज्यादा। पुरानी यादों को ताजा करते हुए रक्षा मंत्री ने बताया कि पुष्कर सिंह धामी को उनकी छात्र राजनीति के दिनों से ही जानता हूं। उनके पास ऊर्जा है, क्षमता है और कुछ कर गुजरने की जज्बा भी है। क्रिकेट की भाषा में कहें तो 20-20 के मैच में उन्हें भले ही आखिरी ओवर में उतारा गया है, लेकिन वे सभी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।

आजादी का अमृत महोत्सव - 

रक्षा मंत्री ने कहा कि गलवान में मातृभूमि की रक्षा के लिए हमारी सेना के वीर जवानों ने देश के मान सम्मान की रक्षा की। यह सुखद संयोग है कि आज जब वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी की प्रतिमा का अनावरण हो रहा है तो देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्षों में मिशन मोड में काम हुआ है। चालीस साल तक देश के पूर्व सैनिकों को ओआरओपी के लिए इंतजार करना पड़ा, लेकिन भाजपा सरकार बनते ही ओआरओपी की सौगात सैनिकों को मिली।

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