हरियाणा में गुरुकुलीय शिक्षा को लगेंगे पंख, केन्द्र सरकार से 18 गुरुकुलों के खाते में आएगी ग्रांट
चंडीगढ़/वेब डेस्क। हरियाणा सरकार द्वारा प्राचीन शिक्षा पद्धति के संवाहक रहे 'गुरुकुलों' की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए हरियाणा संस्कृत अकादमी के माध्यम से उठाए गए ठोस कदमों के फलस्वरूप प्रदेश में दम तोड़ने के कगार पर खड़े इन गुरुकुलों को अब शीघ्र ही केन्द्र से आर्थिक सहायता मिलनी शुरू हो जाएगी।
हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा संस्कृत अकादमी को इन संस्थाओं में नई जान डालने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।उन्होंने कहा कि अकादमी ने इस जिम्मेदारी को शीघ्रता से निभाते हुए ग्रांट प्राप्त करने के लिए गुरुकुलों और संस्कृत संस्थानों के दस्तावेज केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में जमा करवा दिए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही विश्वविद्यालय की टीम इन संस्थाओं का दौरा करेगी और इसके सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है।
संस्कृत अकादमी प्रदेश में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रही है। प्रदेश सरकार का इसमें महत्वपूर्ण योगदान है। प्रत्येक जिले में संस्कृत के प्रति रचनात्मक और क्रियात्मक कार्य के लिए स्वयंसेवी जिला संयोजकों को जिम्मेदारी दी गई है जिसके लगातार आशातीत परिणाम आ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य की संस्कृत संस्थाएं अब तक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से प्राप्त होने वाली ग्रांट से वंचित थीं। प्रदेश सरकार द्वारा संस्थाओं को यह वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी संस्कृत अकादमी को सौंपे जाने पर इस दिशा में तेजी से कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि ग्रांट प्राप्त करने के लिए प्रदेश की कुल 18 सम्बंधित संस्थाओं के आवेदन-पत्र सरकार से स्वीकृति प्राप्त कर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में जमा करवा दिए गए हैं।