गुवाहाटी। नागरिकता संशोधन कानून-2019 के खिलाफ राज्य में हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए असम पुलिस के महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने कहा है कि इन्हें माफ नहीं किया जाएगा। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस महानिदेशक ने शनिवार को 'हिन्दुस्थान समाचार' को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि बीते 50 घंटों के दाैरान समूचे असम से तकरीबन 1500 लोग पकड़े गए हैं, जो गड़बड़ी फैलाने में संलिप्त थे। इनमें से 85 लोगों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें कई लोग सीधे तौर पर हिंसा फैलाते हुए पकड़े गए जबकि, हिंसा भड़काने के मामले में कई लोगों को पकड़ा गया है। पुलिस पूरी तरह से एहतियात बरत रही है। विरोध प्रदर्शन के दौरान के वीडियो फुटेज को पुलिस की एक विशेष टीम खंगाल रही है। जिसकी पहचान गड़बड़ी फैलाने वालों के रूप में होगी, उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल डॉक्यूमेंटेशन का कार्य चल रहा है।
एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि आंदोलन के दौरान अब तक दो लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है। इस दौरान रबर बुलेट एवं अन्य कार्रवाई के दौरान 25 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। उन्होंने कहा कि इस दौरान 50 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। असामाजिक तत्वों द्वारा पॉइंट 22 की पिस्तौल से चलाई गई गोलियों से भी पुलिसकर्मी एवं अन्य लोग घायल हुए हैं। हालांकि इस गोलीबारी से कोई अधिक नुकसान नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि राज्य में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। पुलिस द्वारा पूरी स्थिति का जायजा लेकर विभिन्न स्थानों पर व्यापक पैमाने पर सुरक्षा बलों को तैनात करने के बाद सुबह 9 से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है। उन्होंने असम पुलिस के जवानों की इस बात के लिए तारीफ की कि वे हिंसा के बावजूद आक्रामक नहीं हुए। डीजीपी ने कहा है कि उन्होंने जिस प्रकार धैर्य का परिचय दिया है, उसी की वजह से आज स्थितियां सामान्य हो रही हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध काफी नरमी बरती लेकिन जब आंदोलन हिंसात्मक रूप लेने लगा तो पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि राज्य में फिलहाल पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल मौजूद हैं। इसलिए किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकी जा सकती है।
पुलिस महानिदेशक महंत ने असम की जनता से शांति की अपील करते हुए कहा कि सामान्य तौर पर असम की जनता शांतिप्रिय है। अभिभावकों को उन्होंने सलाह दी कि वे अपने बच्चों को इस तरह की हिंसा में भागीदार बनने से जरूर रोकें। शराब पीकर मारपीट करना, संपत्ति को जलाना, नुकसान पहुंचाना किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करेगी।
पुलिस महानिदेशक ने स्वीकार किया कि विरोध प्रदर्शन का बेजा तरीके से फायदा उठाकर कुछ असामाजिक तत्वों ने इसकी आड़ में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश की। पुलिस अब तक सख्त कार्यवाही नहीं कर रही थी, क्योंकि लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन चल रहा था। अब आंदोलन के हिंसक रूप लेने के बाद पुलिस के पास सख्त कदम उठाने के सिवाय कोई दूसरा चारा नहीं बचता है। उन्होंने कहा कि लोग किसी भी तरह से अफवाहों में न आएं। उन्होंने लोगों से सूबे में शांति एवं सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की।