खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को डर, कहीं पैरोल पर छूट तो नहीं गए आईएसआई एजेंट

Update: 2020-04-08 06:38 GMT

मेरठ। कोरोना वायरस की वजह से उत्तर प्रदेश की जिलों से अब तक 11 हजार से ज्यादा बंदी छोड़े जा चुके हैं। खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को डर है कि कहीं इसकी आड़ में गलती से आईएसआई एजेंट और आतंकी न छूट गए हों। इसलिए सूबे की सभी जेलों में छूटने वाले बंदियों की लिस्ट खंगाली जा रही है।

कोरोना वायरस के चलते पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया था कि जेलों में बंदियों की भीड़ कम करने के लिए उन्हें पैरोल पर छोड़ दिया जाए। उत्तर प्रदेश में ऐसे 15 हजार कैदी और बंदियों की सूची तैयार हुई है। इन सभी को आठ सप्ताह की पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ा जा रहा है। इसमें वे बंदी लिए गए हैं, जिनकी सजा सात साल से कम है। मेरठ जेल में करीब 300 कैदी-बंदियों की रिहाई के आदेश अदालत से हो चुका है। लगभग सभी रिहा भी हो चुके हैं। इसके अलावा सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, नोएडा, बागपत, बुलंदशहर, बिजनौर सहित अन्य जिलों में भी रोजाना जेलों से बंदी छोड़े जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को जो डाटा जारी किया, उसके अनुसार अब तक 11 हजार कैदी-बंदी छोड़े जा चुके हैं।

अब खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों को डर है कि कहीं इसकी आड़ में आतंकी और आईएसआई एजेंट न छूट गए हों। उत्तर प्रदेश की जेलों में फिलहाल 67 आतंकी बंद हैं। मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, आगरा, बरेली, कानपुर, लखनऊ, उन्नाव, बनारस, इलाहाबाद की जेलों में बड़ी संख्या में आईएसआई एजेंट बंद हैं। इसके अलावा पिछले साल जम्मू कश्मीर के 364 बंदी उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद हैं। अब इनकी खोजबीन शुरू हो गई है। पता किया जा रहा है कि वर्तमान में ये जेल में हैं अथवा नहीं। इसके लिए खुफिया-सुरक्षा एजेंसियों ने जेल प्रशासन से संपर्क साधा है। आईएसआई एजेंट की सूची जेल को मुहैया कराई है और इसे तस्दीक करने के लिए कहा है। हालांकि अभी तक कहीं ऐसी बात सामने नहीं आई है कि किसी जेल से आईएसआई एजेंट छूट गए हों, मेरठ से 310 कैदी-बंदियों को अब तक छोड़ा जा चुका है। आईएसआई एजेंट के बारे में मुझसे जानकारी ली गई थी लेकिन जेल में तीनों आईएसआई एजेंट मौजूद हैं। 

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