कर्नाटक में कोबरा कमांडो को जंजीर से बांधकर पुलिस स्टेशन में रखा और पीटा

Update: 2020-04-27 13:37 GMT

बेंगलुरु। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कोबरा कमांडो को गिरफ्तार करके उसको पुलिस स्टेशन में जंजीरों से बांधकर रखा गया और पीटा। यह मामला आज जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो कर्नाटक के पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया तो प्रेस कान्फ्रेंस करके पुलिस अधीक्षक को सफाई देनी पड़ी।

यह घटना 23 अप्रैल की है जब गुरुवार को स्थानीय पुलिस लॉकडाउन का पालन कराने के लिए शहर में गश्त कर रही थी। वह लोगों को फेस मॉस्क पहनने की सलाह भी दे रहे थे। इसी दरम्यान, छुट्टी पर अपने गृहनगर आए सीआरपीएफ के कोबरा जवान सचिन सावंत घर के पास सड़क किनारे बाइक की सफाई कर रहे थे। पुलिस ने देखा कि उन्होंने मॉस्क नहीं पहना था तो मॉस्क पहनने की सलाह दी। किसी बात पर सचिन और पुलिस के बीच मौखिक बहस हुई। पुलिस का कहना है कि सचिन ने पुलिस कर्मचारियों की शर्ट फाड़ दी, इसलिए ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला करने के आरोप में उसको गिरफ्तार करके थाने ले आया गया।

कोबरा कमांडो की गिरफ्तारी पर बेलगावी के पुलिस अधीक्षक लक्ष्मण निम्बार्गी का कहना है कि 23 अप्रैल को हमारे दो कांस्टेबल एक्साम्बा में गश्त पर थे। जब हमारे लोग मद्दुमगल्ली क्रॉस पर गए तो यह सीआरपीएफ जवान अपने 5 से 6 दोस्तों के साथ बात कर रहा था। पुलिसकर्मियों को देखकर उसके दोस्त भाग गए और सीआरपीएफ जवान खड़ा रहा। उसने मॉस्क नहीं पहन रखा था। जब ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उससे पूछा कि उसने मॉस्क क्यों नहीं पहना है, तो वह बहस करने लगा कि तुम कौन हो और मैं सीआरपीएफ से हूं। जब पुलिसकर्मियों ने बताया कि नियम सभी के लिए समान हैं और आप कोई विशेष नहीं हैं तो सीआरपीएफ जवान और पुलिसकर्मियों के बीच बहस शुरू हो गई।

इस दौरान सीआरपीएफ के जवान ने आपा खो दिया और एक कांस्टेबल के पेट पर लात मारी। उसने पुलिस कांस्टेबल का कॉलर पकड़ लिया और उसे आक्रामक तरीके से धकेलना शुरू कर दिया। एक अन्य उम्रदराज हेड कांस्टेबल अपने सहयोगी के बचाव में आगे आए। उन्होंने इस पूरी घटना का एक वीडियो भी साझा किया है जिसे कहानी का दूसरा पहलू बताया गया है।

पुलिस अधीक्षक ने अपनी सफाई में कहा कि सोशल मीडिया पर एक पक्ष ही दिखाया गया है जबकि पुलिस के पास मौजूद वीडियो में वो पूरा मामला भी है जो वायरल नहीं हुआ है। इसके बाद कोबरा जवान को पुलिस थाने ले जाया गया और आईपीसी की धारा 353, 323, 504 और धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया। पूछताछ के बाद उसको उसी दिन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।

कोबरा कमांडो को थाने में जंजीर से बांधकर पुलिस स्टेशन में रखने और पिटाई किये जाने की घटना आज सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसके बाद कई लोगों ने इसकी निंदा की है। जितेंद्र भारद्वाज ने ट्वीट करते हुए लिखा कि दुनिया की एलीट कमांडो फ़ोर्स में से एक सीआरपीएफ की 'कोबरा' इकाई। जंगलों में एके-47 लिए ये जवान कई दिन तक बिना कुछ खाए ऑपरेशन करते हैं। नक्सलियों को उनकी गुफा से बाहर निकाल लाते हैं। कर्नाटक पुलिस की क़ैद में कोबरा जवान की ये हालत विचलित करने वाली है।

एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि कोबरा कमांडो सचिन सावंत के खिलाफ सदलगा पुलिस का बेहद घृणित कृत्य, जो अपने घर पर छुट्टी में थे और अपनी बाइक धो रहे थे। उसके साथ पुलिस की मारपीट, गिरफ्तारी। वर्तमान में वह सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में काम कर रहे हैं, यहां तक ​​कि उन्होंने इस घटना का एक वीडियो भी ट्वीट किया जिसमें दिखाया गया कि सावंत को पुलिस द्वारा पीटा जा रहा है।

एक अन्य ट्वीट में के एल धाकड़ लिखते हैं कि जवान को इस तरह जंजीरों में बांधना कहां का न्याय हैं, यह कर्नाटक पुलिस की बेहद शर्मनाक हरकत है। प्रवीण नामक शख्स ट्वीट पर लिखते हैं कि एक कमांडो को हथकड़ियों में जकड़कर नंगे पांव घसीटना दुखद,! शर्मनाक!! कर्नाटक पुलिस ने कोरोना के विरुद्ध किए जा रहे केंद्रीय पुलिस बल एवं राज्य पुलिस बलों के अच्छे कार्यों पर पानी फेरने का काम किया है। वर्दी को शर्मसार कर दिया इन लोगों ने।

एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि बहुत ही हृदय विदारक और जवानों के मनोबल को नीचा करने वाला कृत्य है। कोबरा जवानों के बलिदानों को समझना तो दूर, पुलिसिया नशे में चूर कर्नाटक पुलिस के कर्मियों ने इस कमांडो के मान का मर्दन किया है। इन पुलिसकर्मियों को सबक़ सिखाने की आवश्यकता है।

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