उत्तराखंड के गौरीकुंड में लैंडस्लाइड, 19 लोग लापता, तीन दुकानें ध्वस्त, बचाव अभियान शुरू

गौरीकुंड हादसे के बाद मुख्यमंत्री पहुंचे आपदा परिचालन केंद्र

Update: 2023-08-04 08:15 GMT

रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के गौरीकुंड में तेज बरसात के दौरान रात को हुए भारी भूस्खलन की चपेट में आई तीन दुकानें जमींदोज हो गईं। इन दुकानों में सो रहे करीब 19 लोग लापता हैं। इनके मलबे में दबे होने की आशंका है। एसटीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और तहसील प्रशासन की टीमें राहत और बचाव अभियान में जुटी हैं।

अधिकारियों के अनुसार भूस्खलन जारी है। इस वजह से बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है। उधर, बरसात और भूस्खलन की वजह से कई गांव खतरे की जद में आ गए हैं। पहाड़ी से गिरे इस मलबे से केदारनाथ यात्रा रूट जाम हो गया।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड हादसे पर कहा है कि सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। लापता लोगों को खोजने लिए मुस्तैदी के साथ राहत बचाव कार्य जारी है।

मुख्यमंत्री ने संभाला मोर्चा - 

शुक्रवार को मुख्यमंत्री धामी सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्रदेश भर में जारी बारिश की स्थिति के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने गौरीकुंड में चल रहे राहत बचाव कार्य में तेजी लाने के साथ ही शासन स्तर से हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए।

बचाव कार्य जारी - 

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौरीकुंड में हुए हादसे के बाद लगातार राहत बचाव कार्य जारी है। लापता लोगों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हादसे में मृतक व लापता लोगों के परिजनों से भी संपर्क किया जा रहा है। एसडीआरएफ, जिला प्रशासन सभी टीमें मौके पर मौजूद हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए शासन-प्रशासन पूरी तरह तैयार है।मुख्यमंत्री ने प्रदेश की प्रमुख नदियों के जलस्तर की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिन भी क्षेत्र में जल स्तर बढ़ जाने से बाढ़ की समस्या आ रही है, उन सभी स्थानों पर अलर्ट जारी किया जाए और सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों के आसपास बनी इमारत और कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।


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